शेयर बाजार (stock market) में पिछले दस वर्षों से कल्याण ज्वेलर्स के शेयर की कीमत गिर रही है ,जो की YTD में लगभग 37 % कम हो गई है.
शेयर बाजार (stock market) में कल्याण ज्वैलर्स शेयर की कीमत NSE पर ₹ 795.40 प्रति शेयर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद , आभूषण स्टॉक तब से लगातार गिरावट पर है.कल्याण ज्वेलर्स का शेयर मूल्य शुक्रवार के दिन NSE पर 502.20 रूपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. जो YTD में लगभग 37 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करता है. हालांकि, केंद्रीय बजट 2025 से पहले आभूषण ब्रांड देखने लायक हो गया है.
शेयर बाजार (stock market) विशेषज्ञों के अनुसार , भारत सरकार (GoI) आगामी बजट 2025 में सोने पर सीमा शुल्क बढ़ा सकती है.और अगर ऐसा होता है तो कल्याण ज्वेलर्स के शेयर की कीमत में कुछ तेजी आने की संभावना है. उन्होंने कल्याण ज्वैलर्स के शेयरधारकों को 480 रुपये के सख्त स्टॉप लॉस के साथ स्टॉक को होल्ड करने और ट्रेंड रिवर्सल का इंतज़ार करने की सलाह दी. संभवित उछाल पर ज्वैलरी स्टॉक जल्द ही 595 रूपये प्रति शेयर के निशान को छू सकता है.
बजट 2025 क्यों महत्वपूर्ण है?
एसएस वेल्थस्ट्रीट की संस्थापक सुगंधा सचदेवा ने कल्याण ज्वैलर्स के शेयरधारकों को बजट 2025 के बारे में सतर्क रहने की सलाह देते हुए, कहा की “भारत सरकार द्वारा सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाने की उम्मीद है. अगर ऐसा होता है, तो सोने की कीमतें बढ़ेंगी और कल्याण ज्वैलर्स जैसे स्थापित आभूषण ब्रांड को अपने बफर स्टॉक के कारण सोने की कीमतों में इस वृद्धि से लाभ होगा. और उस स्थिति में ,कंपनि अल्पावधि के लिए अपने बफर स्टॉक पर अतिरिक्त आय के रूप में मूल्य वृद्धि का आनंद ले पाएगी और इस की वजह से बाजार केंद्रीय बजट 2025 में आयात शुल्क वृद्धि के कारण सोने की कीमतों में इस लाभ को कम करने की कोशिश कर सकता है. उन्होंने कल्याण ज्वेलर्स के शेयर धारको को 480 प्रति शेयर के सख्त स्टॉप लॉस के साथ स्टॉक में निवेशक रहने की सलाह दी है”.
बजट 2025 से उम्मीदें
लाइवमिंट की पूर्व रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार सोने सहित दो दर्जन से अधिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क की समीक्षा कर रही है,और यदि हाल ही में शुल्क में की गई कटौती से घरेलू मूल्य संवर्धन के घोषित नीतिगत उद्देश्य को प्राप्त करने के बजाय खपत में वृद्धि होती है, तो सरकार सोने की धातु पर शुल्क बढ़ा सकती है, यह जानकारी मामले से अवगत दो लोगों ने दी है. सीमा शुल्क में अक्सर वार्षिक बजट में स्पष्ट उद्देश्यों के साथ बदलाव किया जाता है, जैसे की नागरिकों को मुद्रास्फीति से बचाने के लिए, शुल्क उलटाव को खत्म करने के लिए, आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, और तैयार माल की तुलना में इनपुट पर करों को कम करके घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए. सोने के मामले में, जुलाई में शुल्क में कटौती के बाद कीमती धातु के आयात में उछाल आया. फिर भी, उन्होंने नाम न बताने का अनुरोध करते हुए कहा कि रत्न और आभूषण जैसे तैयार माल के निर्यात में कमी आई है.
23 जुलाई 2024 को पेश किए गए वित्त वर्ष 25 के लिए पूरे बजट में सोने और चांदी की छड़ों पर सीमा शुल्क 15% से घटाकर 6% हो गई ,और प्लैटिनम, पैलेडियम, ऑस्मियम, रूथेनियम और इरिडियम पर सीमा शुल्क 15.4% से घटाकर 6.4% कर दिया गया. इसके अगले महीने यानि की अगस्त में सोने का आयात सालाना लगभग 104% बढ़कर $10.06 बिलियन हो गया, जबकि भारत का रत्न और आभूषण निर्यात 23% से अधिक घटकर $1.99 बिलियन रह गया.