लगातार 9 साल से सेंसेक्स और निफ़्टी बढ़त के साथ साल को अलविदा कहंगे देखते हे आगे क्या होता है

Hetal Chudasma

भारतीय शेर बाजार में (stock market ) में लगातार  9 साल से सेंसेक्स और निफ्टी अच्छे रिटर्न के साथ  इस साल को अलविदा केहने जा रहे है. 2024 में अब तक 50 शेयरों  वाले निफ़्टी 50 इंडेक्स में 9 . 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज़ की है  और 30 शेयरों वाले सेंसेक्स इंडेक्स में 8 . 62 प्रतिशत की वृद्धि देखि गई है.  इस से पता चलता है की सेंसेक्स और निफ़्टी ने अपने निवेशकों को निराश नहीं किया है.

इस साल भारतीय शेयर बाजार (stock market ) में काफी उथल – पुथल देखने को मिली थी और कई चुनोतिया पेश आयी है . इसके बावजूद भारतीय शेयर मार्केट पॉजिटिव रिटर्न के साथ अलविदा कहने जा रहा है.

साल 2024 में कई चुनोतियो जैसे की बिगड़े वैश्विक हालत हो या फिर विदेशी निवेशकों की बेरुखी,तमात चुनोतियो के बाद भी भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले घाटे में नहीं रहे है.

एएनआई पर छपी स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल मिलाकर देखा जाए, तो हालिया गिरावट के बावजूद शेयर बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशक फायदे में ही है और ये लगातार 9 साल से हो रहा है.

बीते कुछ महीनो में शेयर बाजार (stock market ) में काफी हल  चल देखने को मिली है जिस में नेफ्टी और  सेंसेक्स(nifty $ sansex ) में काफी गिरावट दिखी है ,लेकिन इस से पहले इसी साल ये नए सिखर पर पहुंचने में भी कामियाब रहे है.

2024 में पहले 6माहि रही कमाल देखते है आगे क्या हुआ 

इस साल के भारतीय शेयर बाजार पर नजर डाले  तो रिपोर्ट्स के अनुसार इंडियन  इकोनॉमि के लचीलेपन और फाइनेंसियल  मार्केट्स के शानदार पर्दशन को चलते  तमाम  चुनोतियो के बाद भी भारतीय शेयर बाजार (stock market ) ने अपने निवेशकों को निराश नहीं किया है.  इस साल में पहली 6 माहि में मजबूत इकनोमिक  ग्रोथ और कॉर्पोरेट अर्निंग डिलीवरी पर इक्विटी और बॉन्ड मार्केट ने अच्छा प्रदर्शन किया और देखा जाये तो दूसरी में कई करणो के चलते शेयर बाजार मै अस्थिरता आ गई थी.

इनमे भू -राजनैतिक हालातो के साथ भारतीय बाजारों क प्रति विदेशी निवेशकों की बेरुखी और उनकी बिकवाली  भी शामिल रही है जिस की वजह से शेयर बाजार (stock market ) के सेंटिमेंट  पर असर पडा .

2025 में केसा रहेगा स्टॉक मार्केट का रुख 

2024 साल अब ख़त्म होने में है और सभी निवेशकों की नजर अब अगले साल यानि 2025 पर बानी हुई है.

बताया जा रह है की वर्ष 2025 में ग्लोबल इकोनॉमि और मार्केट में उतार चढ़ाव का मैन कारण ट्रम्प हो सकता है,माना जा रह्जा है की ट्रम्प कई मुश्किल फैसले लेंगे.  और इसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ेगा हालाकि ट्रम्प ऐसा कोई फैसला नहीं लेंगे जो इकोनॉमी के लिहाज क तर्कसंगत या गलत हो.

अमेरिका के चुनाव के बाद डॉलर मजबूत हो गया  है. अगर अमेरिका में कॉरपोरेट टेक्स 15 फीसदी हो जाता है तो इसकी कम्पनीओ की कमाई बढ़ जाएगी और इसका सीधा लाभ अमेरिका के शेयर बाजार में दिखेगा क्योकि अधिक पूंजी का निवेश होगा और डॉलर मजबूत होगा. 2025 में डॉलर मजबूत होता है तो उभरते बाजार के लिए कई सारी चुनोतिया ला सकता है. हलाकि डॉलर ज्यादा समय तक मजबुत  नहीं रहेगा क्योकि अमेरिकी निर्यात (एक्सपोर्ट ) को बढ़ावा देने के लिए ट्रम्प कमजोर डॉलर चाहते है.

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