डोड्डानगौड़ा पाटिल, अश्वथ नारायण और मुनिरत्न सहित 18 भाजपा विधायकों को चल रहे ‘हनीट्रैप’ विवाद के बीच आसन का ‘अनादर’ करने के लिए शुक्रवार 21 मार्च को कर्नाटक विधानसभा से छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया.
21 मार्च शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने ‘ हनी ट्रैप’ कांड को लेकर हंगामा करने और कार्यवाही में बाधा डालने के लिए भारतीय जनता पार्टी भाजपा के 18 विधायकों को विधानसभा से निलंबित कर दिया.
भाजपा के विधायक डोड्डानगौड़ा पाटिल, अश्वथ नारायण और मुनिरत्न सहित 18 भाजपा विधायकों को आसन का ‘अनादर’ करने के कारण 6 महीने तक निलंबित कर दिया गया है .
2025-26 के राज्य बजट पर बहस का जवाब देने से पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जवाब की मांग करते हुए, भाजपा विधायक सुनील कुमार ने राजनेताओं से जुड़े “हनी-ट्रैप विवाद” का मुद्दा उठाया.
विपक्षी भाजपा और जद (एस) ने एक मंत्री और अन्य राजनेताओं से जुड़े कथित ‘हनी-ट्रैप’ प्रयास की न्यायिक जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराने की मांग की. और बाद में भाजपा विधायक सदन के आसन के समक्ष आ गए और अध्यक्ष के आसन के सामने कागज फेंके.
कर्नाटक के मंत्री एमबी पाटिल ने भाजपा के 18 विधायकों के निलंबन को उचित ठहराते हुए कहा, “सदस्यों का इस तरह का व्यवहार पूरी तरह से अनुचित है…उन्होंने विधानसभा में सभी संभव उल्लंघन किए…यह (निलंबन) 100% उचित है.”
20 मार्च गुरुवार को सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने विधानसभा को सूचित किया था कि उन्हें हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की गई थी और विभिन्न दलों के कम से कम 48 राजनेता इसी तरह की साजिश का शिकार हुए हैं.
इस मुद्दे पर बोलते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि किसी को भी, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो, संरक्षण नहीं दिया जाएगा और सरकार पूरी जांच और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी.
उन्होंने कहा, “राजन्ना ने उन्हें हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश की बात कही है. गृह मंत्री जी परमेश्वर ने पहले ही जवाब दे दिया है, जिसमें कहा गया है कि उच्च स्तरीय जांच की जाएगी. राजन्ना को शिकायत दर्ज करने दीजिए. कांग्रेस, भाजपा और जेडी(एस) के सभी सदस्यों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी. जिन लोगों ने कानून का उल्लंघन किया है, उन्हें उसी के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए”
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई ने कहा कि मामले की गहन जांच होनी चाहिए.
बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, “प्रत्येक मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए और इसके पीछे जो भी हो, उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए और पूरी बात को हमेशा के लिए साफ कर दिया जाना चाहिए.”