कर्नाटक सरकार का बदलाव : अप्रैल और मई 2025 के लिए इन जिलों में सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव किया है ,विवरण देखें

Hetal Chudasma

कर्नाटक सरकार ने भीषण गर्मी के कारण अप्रैल और मई महीने में राज्य के कुछ जिलों में सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव किया है.

भीषण गर्मी को देखते हुए 2 अप्रैल बुधवार को कर्नाटक सरकार ने  कुछ जिलों में सरकारी कार्यालयों के समय में बदलाव करने का आदेश जारी किया.

कर्नाटक सरकार ने कुछ जिलों में गर्मी के कारण सरकारी कार्यालयों का नया समय अप्रैल और मई 2025 में सुबह 8 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक का तय किया है.

राज्य सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के हवाले से ANI ने बताया, “कर्नाटक सरकार ने लू के कारण अप्रैल और मई 2025 में कलबुर्गी डिवीजन के 7 जिलों और बेलगाम डिवीजन के विजयपुरा और बागलकोट जिलों में सरकारी कार्यालय का समय सुबह 8 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक बदलने का आदेश जारी किया है.”

भारत में ग्रीष्म ऋतु अप्रैल से जून तक रहती है, जब तापमान अक्सर मौसम के चरम पर 45 डिग्री सेल्सियस यानि  113 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा हो जाता है.

भारत में  आमतौर पर अप्रैल से जून तक चार से सात दिन तक गर्म हवाएं चलती हैं.

इस सप्ताह के शुरुआत में, आईएमडी ने कहा था कि भारत में अप्रैल से जून तक सामान्य से ज्यादा तापमान रहने की संभावना है, इसके अलावा मध्य और पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में ज्यादा लू वाले दिन रहेंगे.

ऑनलाइन प्रेस वार्ता के दौरान IMD के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि देश के ज्यादातर  हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, पश्चिमी और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर जहां तापमान सामान्य रहने की उम्मीद है. अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से ज्यादा रहेगा.

उन्होंने कहा, “अप्रैल से जून तक उत्तर और पूर्वी भारत, मध्य भारत और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से दो से चार दिन अधिक गर्म हवाएं चलने की संभावना है.”

भारत में किन राज्यों में सामान्य से अधिक गर्म हवाएं चलने की संभावना है?

भारत में राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक और तमिलनाडु के उत्तरी भाग केराज्यों में  सामान्य से अधिक गर्म हवाएं चलने की संभावना है.

पिछले सप्ताह, केंद्र सरकार ने राज्यों से यह जांच करने को कहा था कि क्या उनके अस्पताल तापमान में वृद्धि के बीच हीटस्ट्रोक और गर्मी से संबंधित बीमारियों से निपटने के लिए तैयार हैं.

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