अब भारत में भी HMPV केस के मामले ने दस्तक दे दी है. असम में 10 महीने बच्चे को सर्दी – जुकाम सबंधित लक्षणों के कारण भर्ती कराया गया था. रिपोर्ट करने के बाद वे HMPV पॉजिटिव पाया गया.
कर्णाटक ,महाराष्ट्र , और तमिलनाडु में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आने के कुछ ही दिनों के बाद असम में वायरस संक्रमण का एक और केस सामने आया है. शनिवार के दिन यानि की आज ,अधिकारियों के हवाले से पीटीआई ने बताया कि खांसी और जुकाम के लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती कराए गए 10 महीने के बच्चे में HMPV की पुष्टि हुई है.
असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) के अधीक्षक डॉक्टर ध्रुबज्योति भुइयां ने बताया कि बच्चे का डिब्रूगढ़ स्थित असम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है और हालांकि अब उसकी हालत स्थिर है. इस बच्चे की HMPV की पुष्टि तब हुई जब परीक्षण के नमूने नियमित अभ्यास के रूप में इन्फ्लूएंजा और फ्लू से संबंधित मामलों में परीक्षण के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को भेजे गए.
भारत में एचएमपीवी मामले: असम HMPV रोगी स्वास्थ्य
असम के डॉक्टर ध्रुबज्योति भुयान ने बताया कि बच्चे का उपचार चल रहा है और उसकी हालत अब ठीक है. डॉक्टर ध्रुबज्योति बताया कि सर्दियों के मौसम में यह वायरस बहुत आम है और HMPV मामले में चिंता करने की कोई बात नहीं है.
पीटीआई ने डॉक्टर भुइयां के हवाले से बताया, “यह एक नियमित जांच थी, जिसके दौरान HMPV संक्रमण का पता चला. बच्चे की तबियत और स्थिति ठीक है. यह एक सामान्य वायरस है और इसमें चिंता की कोई बात नहीं है”
असम में HMPV : क्या यह चिंता का विषय है?
आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिस्वजीत बोरकाकोटी ने कहा की भारत में HMPV के मामले नए नहीं हैं और लगभग भारत के सभी राज्यों में पहले भी इनका पता लगाया जा चूका है. असम में इस मौसम के पहले HMPV के केस का मामले को ‘कोई नई बात नहीं है. डॉ. बिस्वजीत बोरकाकोटी ने यह भी कहा की आपकी जानकारी के लिए बता दे की 2014 से डिब्रूगढ़ में सौ से ज़्यादा HMPV के मामले सामने आ चुके हैं.
उन्होंने पीटीआई को बताया, “यह इस सीजन का पहला मामला है. और हर साल इसका पता चलता है और इसमें कुछ भी नया नहीं है. हमें एएमसीएच से सैंपल मिला है और यह एचएमपीवी के लिए पॉजिटिव पाया गया है. ”
HMPV क्या है?
मानव मेटान्यूमोवायरस का पहली बार साल 2001 में पता चला था. यह वायरस न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है और कई श्वसन वायरस में से एक है. यह वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और स्व-सीमित स्थिति होता है और इस वायरस में रोगी आप ठीक हो जाते हैं. इसीलिए इसमें चिंता की कोई बात नहीं है.
भारत में एचएमपीवी के मामले
पुरे भारत देश में महाराष्ट्र ,गुजरात, तमिलनाडु और कर्णाटक और असम में HMPV के पुरे 9 केस दर्ज किये गए है. जब की बेंगलुरु में भी तीन महीने के एक बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण पाया गया था पर वो अब ठीक है जिसकी वजह से उसे छुट्टी दे दी गई है. और एक आठ महीने के बच्चे में भी ये वायरस पाया गया था. फिर अहमदाबाद में एक और मामला पाया गया, और तमिलनाडु के चेन्नई और सेलम में दो और मामले सामनेआए है. इस दौरान महाराष्ट्र में तीन मामले सामने आए हैं.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी), एक सामान्य श्वसन संक्रमण के मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट ने दुनिया भर में सबसे ज्यादा है, जिससे पांच साल पहले कोविड-19 महामारी की शुरुआत की यादें ताजा हो गई है.
वैसे तो HMPV आमतौर पर कुछ दिनों के लिए सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में बहुत छोटे, बूढ़े या चिकित्सकीय रूप से कमजोर लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है. जिसमे चिंता जैसी कोई बात नहीं है.