पीएम विद्यालक्ष्मी एज्युकेशन लोन स्किम : मुख्य विशेषताएं, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी.

Hetal Chudasma

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना का मुख्य  उद्देश्य भारत में मेधावी लेकिन आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण प्रदान करके सहायता प्रदान करना है. नवंबर 2024 में स्वीकृत, यह 860 शीर्ष संस्थानों में प्रवेश को कवर करता है और सालाना 22 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित करता है.

किसी भी छात्र को उच्चतम शिक्षा प्राप्त करने के लिए किसी भी अच्छे संस्थान में प्रवेश पाने के लिए अच्छे अंक प्राप्त करना बहुत ही जरूरी है ,और अच्छे अंको के साथ ही शिक्षा के लिए धन होना भी उतना ही जरूरी है. हालाँकि,  हमारे भारत में कई छात्र उच्च शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं. ऐसे छात्रों की मदद करने के लिए भारत सरकार ने उन मेधावी छात्रों की मदद करने के लिए कदम उठाया है, जिनके पास शिक्षा के लिए पर्याप्त धन नहीं है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2024 में प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी (पीएम विद्यालक्ष्मी) योजना को मंजूरी दी. यह केंद्रीय क्षेत्र योजना उन मेधावी छात्रों को मदद करेंगी जो पढ़ना चाहते है पर आर्थिक परिस्थिति के कारण पढ़ नहीं सकते है.

इस योजना के से सरकार छात्रों को शीर्ष 860 उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बना रही है, जिससे हर साल 22 लाख से ज्यादा बच्चे इसका लाभ ले सकते है.

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना की विशेषताएं

इस योजना के तहत बिना किसी जमानत या गारंटर के शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा .

इस योजना  का लाभ पाने के लिए छात्र ऑनलाइन आवेदन कर सकते है.

इस योजना के तहत सरकार 7 . 5 लाख रूपये तक का शिक्षा ऋण अदा करेंगी और उसमे सरकार बैंकों को सहायता देने के लिए 75% ऋण गारंटी प्रदान करेगी.

इस योजना के तहत 8 लाख रूपये तक की वार्षिक आवक वाले परिवार के छात्र को 10 लाख रूपये तक के ऋण पर 3 % ब्याज अनुदान दीया जायेगा.

विद्यार्थियों को 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय पर पूर्ण ब्याज सब्सिडी की पेशकश की गई है.

सभी अनुसूचित बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों से ऋण लिया जा सकता है.

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के लिए पात्रता

ऐसे छात्र जो  योग्यता के आधार पर भारत में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (QHEIs) में प्रवेश पाते हैं.

सभी पारिवारिक आय वर्ग के छात्र इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते है.

सरकार ने किसी  प्रकार के ऋण के लिए कोई कट-ऑफ राशि निर्धारित नहीं की है इसीलिए ऋण राशि पाठ्यक्रम शुल्क और संबंधित शुल्क पर निर्भर करेगी .

जिन विद्यार्थियों ने डिग्री या डिप्लोमा कार्यक्रमों के लिए भारत में क्यूएचईआई में प्रवेश प्राप्त कर लिया है, वे यह ऋण प्राप्त कर सकते हैं.

प्रत्योगी परीक्षाओ या योग्यता आधारित प्रवेश के लिए अहर्ता प्राप्त करने वाले छात्र इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है. हालांकि, प्रबंधन कोटा सहित कोटा के माध्यम से प्रवेश पाने वाले छात्र इस ऋण के लिए पात्र नहीं होंगे.

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के लिए आवेदन करने की प्रोसेस

शिक्षा ऋण आवेदन करने के लिए पहले आधिकारिक विद्यालक्ष्मी पोर्टल  पर जाइए .

पोर्टल पर अकाउंट बनाकर रजिस्टर करें और ‘न्यू यूजर’ पर क्लिक करे. फिर आपको उसमे अपना नाम ,ईमेल, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी दर्ज करनी रहेंगी.

रजिस्ट्रेशन करने के बाद अपने लॉगिन क्रेडेंशियल के साथ विद्यालक्ष्मी पोर्टल पर लॉग इन करें

‘ऋण आवेदन अनुभाग’ पर जाएं और ऋण का प्रकार चुनें

आवश्यक विवरण जैसे पाठ्यक्रम का नाम, संस्थान और अन्य व्यक्तिगत विवरण प्रदान करें

ऋण प्राप्त करने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान का चयन करे.

अपना आवेदन पत्र भरे और सबमिट पर क्लिक करे

अपना आवेदन जमा करने के बाद विद्यालक्ष्मी पोर्टल पर इसकी स्थिति पर नज़र रखें.

पोर्टल ऋण की स्वीकृति के बारे में सूचित करेगा.

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना की ब्याज दर

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत ऋण के लिए ब्याज दर पीएम-विद्यालक्ष्मी के तहत कवर नहीं किए गए शिक्षा ऋण पर बैंक द्वारा लगाए गए ब्याज दर से कम होगी. अलग-अलग बैंक अपनी नीति के अनुसार कम ब्याज वसूलने के लिए स्वतंत्र होंगे.

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना की पुनर्भुगतान अवधि कितनी 

इस योजना के ऋण की चुकौती 15 साल तक है, जिसमें स्थगन अवधि शामिल नहीं है. अगर ऋण राशि एक निश्चित सीमा से अधिक है, जिसे अलग-अलग बैंकों द्वारा तय किया जाएगा,तो बैंक छात्र उधारकर्ता का जीवन बीमा कवर ले सकता है. उधारकर्ता के अनुरोध के आधार पर बीमा प्रीमियम को शिक्षा ऋण राशि में शामिल किया जा सकता है.

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना इच्छुक छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने की दिशा में एक कदम है.  छात्रों के लिए समय पर ऋण प्राप्त करने के लिए योजना की प्रक्रिया, आवश्यकताओं और अन्य विशेषताओं को जानना आवश्यक है.

 

 

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