मोदी के केंद्रीय बजट ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

Hetal Chudasma

दिल्ली विधानसभा चुनाव : राजधानी दिल्ली के मध्यमवर्ग  के मतदाता ने केंद्रीय बजट में की गई  रियायतों को हाथोंहाथ लिया है, क्योंकि भाजपा के रणनीतिकारों का मानना ​​है कि यह नया वोट बैंक है, जिसे लुभाने की जरूरत है.

27 साल के बाद दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी यानि की भाजपा की वापसी हुई है. जो राष्ट्रिय राजधानी में अब तक का उनका सबसे मजबूत प्रदर्शन रहा. भाजपा पार्टी को पिछले सप्ताह के केन्द्रीय बजट से काफी बढ़ावा मिला है, क्योकि केंद्रीय बजट में वेतनभोगी मध्यम वर्ग के लिए आयकर में कटौती की गई, जो राजधानी में एक प्रमुख मतदाता समूह है.

भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने  दिल्ली के मध्यम वर्ग में मजबूत पैठ बना ली है, जो कुल मतदाताओं का 60 प्रतिशत से अधिक है.

उद्यमी और सीवोटर फाउंडेशन के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा, , “अगर आप हर साल हमारे द्वारा किए जाने वाले प्री और पोस्ट-बजट ट्रैकर्स को देखें, तो इस साल केंद्रीय बजट पेश किए जाने के बाद मध्यम वर्ग के मतदाताओं में भारी बदलाव आया है. साल 1998 में ,यह मध्यमवर्ग ही था जिसने भाजपा को किनारे कर दिया था. और आज लगभग 30 साल बाद उसी मध्यमवर्ग ने भाजपा को सत्ता में खड़ा किया है.”

विडंबना यह है कि दिल्ली का पर्याप्त मध्यम वर्गीय मतदाता आधार कभी भी चुनाव अभियान में शामिल नहीं हुआ तथा चुनावों के दौरान उसे काफी हद तक दरकिनार कर दिया गया.

अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विरुद्ध दिल्ली में बड़ी संख्या में मध्यम वर्ग की आबादी है, जिनके मतदान पैटर्न का चुनावी नतीजों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह बजट पेश करते हुए  मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए कई घोषणाएं कीं.  आयकर स्लैब में बड़े बदलावों की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा.

यह एक रणनीतिक बदलाव था, जो एक दिन पहले ही स्पष्ट हो गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवी लक्ष्मी का आह्वान किया था कि वे “हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग को आशीर्वाद दें.”

उद्यमी और सीवोटर फाउंडेशन के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा,  “कृपया याद रखें कि मध्यम वर्ग भारत का नया ‘जाति समूह’ है, जिसे कोई भी चुनावी नजरिए से नहीं देख रहा है,मध्यम वर्ग के ब्राह्मण के मूल्य दलित या मुस्लिम मध्यम वर्ग के समान ही हैं.  यह भविष्य का खाका है.”

हालांकि भारत के मध्यम वर्ग के वास्तविक आकार पर कोई आम सहमति नहीं है, लेकिन प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 2-10 अमेरिकी डॉलर खर्च करने वालों के वर्गीकरण का उपयोग करते हुए, 600-700 मिलियन से ज्यादा लोग मध्यम वर्ग का गठन कर सकते हैं.  इस मध्यम वर्ग का लगभग 75 प्रतिशत निम्न मध्यम वर्ग है – जो प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 2-4 अमेरिकी डॉलर खर्च करता है.

 

Share This Article
Leave a comment