भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक निवेश का आह्वान किया, तथा देश में तेल और गैस खोजों और बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रकाश डाला.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक ऊर्जा कंपनियों से भारत में निवेश करने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि देश में तेल और गैस की अनेक खोजें, पाइपलाइन अवसंरचना का विस्तार और प्राकृतिक गैस की बढ़ती खपत को देखते हुए अपार अवसर मौजूद है.
भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि तेल क्षेत्र विनियमन और विकास संशोधन विधेयक सहित हालिया सुधारों से समुद्री क्षेत्र में तेल और गैस संसाधनों की खोज में मदद मिलेगी, उत्पादन में वृद्धि होगी और रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार बनाए रखा जा सकेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “देश में कई खोजों और बढ़ते पाइपलाइन नेटवर्क ने देश के भीतर प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ा दी है. जिसकी वजह से देश में प्राकृतिक गैस की खपत भी बढ़ेगी. इन क्षेत्रों में आपके लिए निवेश के ज्यादा से ज्यादा अवसर होंगे.”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा की , भारत अपने हाइड्रोकार्बन संसाधनों की क्षमता का पूर्ण दोहन करने के लिए काम कर रहा है, और कहा की प्रमुख खोजें और गैस अवसंरचना का व्यापक विस्तार गैस क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहा है, जिससे भारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ रही है.
हाल ही में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में गैस की हिस्सेदारी लगभग 7% है. जो साल 2030 में सरकारने इन्हे 15 % तक ले जानेका लक्ष्य बनाया है.
मोदी ने कहा कि भारत के अवसादी बेसिनों में अनेक हाइड्रोकार्बन संसाधन हैं, जिनमें से कुछ की पहचान पहले ही हो चुकी है, जबकि अन्य की खोज का इंतजार है. मोदी ने कहा कि भारत के अपस्ट्रीम क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने ओपन एकरेज लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) शुरू की है और इस क्षेत्र को व्यापक समर्थन प्रदान किया है, जिसमें एक विशेष आर्थिक क्षेत्र खोलना और एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली स्थापित करना शामिल है.
भारत का ऊर्जा परिवर्तन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरित ऊर्जा, ऊर्जा परिवर्तन और घरेलू आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने के देश के प्रयासों में भारत की प्रगति पर भी प्रकाश डाला है.
मोदी ने कहा, “भारत का मुख्य ध्यान मेक इन इंडिया और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं पर है.” उन्होंने यह स्पष्ट किया की भारत की सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता पिछले 10 वर्षों में 2 गीगावाट से बढ़कर लगभग 70 गीगावाट हो गई है. उन्होंने कहा कि भारत की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने इस क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बना दिया है, जिससे उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के विनिर्माण को बढ़ावा मिला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैटरी और भंडारण क्षेत्र में नवाचार और विनिर्माण के अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत तेजी से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रहा है और उन्होंने इस क्षेत्र में इतने बड़े देश की मांगों को पूरा करने के लिए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया.
उन्होंने कार्यक्रम के दौरान 2025-26 के लिए बजट में की गई घोषणाओं को भी रेखांकित किया, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों और मोबाइल फोन बैटरी के विनिर्माण से संबंधित कई वस्तुओं के लिए सीमा शुल्क में छूट शामिल है.
मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन भारत में मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
भारत के प्रमुख रूफटॉप सौर ऊर्जा कार्यक्रम, पीएम सूर्यगढ़ मुफ्त बिजली योजना पर मोदी ने कहा कि सरकार देश के ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जनता को सशक्त बना रही है.
पिछले साल 75,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य 2026-27 तक 10 मिलियन भारतीय घरों में छत पर सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करना है. इस योजना के तहत सब्सिडी की वजह से अब तक लगभग 850,000 स्थापनाएँ पूरी हो चुकी हैं.