भाजपा ने भव्य आयोजन की बनाई योजना, दिल्ली के नए सीएम 19 फरवरी को शपथ ले सकते हैं

Hetal Chudasma

दिल्ली एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव की तैयारी कर रही है. भारतीय जनता पार्टी 19 फरवरी को नए मुख्यमंत्री की शपथ लेगी, जो 27 साल बाद वापसी का प्रतीक है. प्रमुख नेता इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए सरकार के ढांचे और स्थल को अंतिम रूप देंगे.

दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह:  दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 19 फरवरी को होने की उम्मीद है.

भारतीय जनता पार्टी यानि की भाजपा पार्टी की विधायक दल की बैठक भव्य शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले होने की उम्मीद है,जो 27 सालो के अंतराल के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में  में भगवा पार्टी की वापसी  होने का प्रतीक दर्शाती है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर गए है. जो की वह शुक्रवार रात राजधानी में  वापस लौटने के बाद भाजपा सरकार बनाने की तैयारियां जोर पकड़ने की उम्मीद है.

प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह , भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता नई सरकार के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णयों को अंतिम रूप देंगे जिसमें एक मुख्यमंत्री, एक मंत्रिपरिषद और संभवतः एक या दो उपमुख्यमंत्री शामिल होंगे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भाजपा भव्य शपथ ग्रहण समारोह के लिए   इस स्थल की उम्मीद है जिसमे जवाहरलाल नेहरू लाल स्टेडियम और रामलीला मैदान शीर्ष विकल्प के रूप से आये है.

विधान सभा चुनाव 5 फरवरी 2025 के दिन हुआ था जिसमे  भारतीय जनता पार्टी भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीती. राष्ट्रिय राजधानी में में लगातार दो बार सत्ता में रही आम आदमी पार्टी आप  22 सीटों पर सिमट गई. 8 फरवरी को विधान सभा चुनाव का परिणाम जारी किया गया था उसमे लगातार तीसरी बार कांग्रेस  एक भी सीट जीतने में विफल रही.

दिल्ली में भाजपा का आखिरी मुख्यमंत्री 1998 में बना था.  तब से भाजपा लगातार चुनाव हारती रही, लेकिन 27 साल बाद  5 फरवरी को भाजपा ने ऐतिहासिक वापसी की.

भाजपा में मुख्यमंत्री का चयन कैसे होता है?

चुनाव जीतने के बाद सीएम चुनना एक लंबी प्रक्रिया है. यहाँ चरण-दर-चरण प्रक्रिया दी गई है:

चरण 1: भाजपा सबसे पहले पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगी. यह आमतौर पर, भाजपा एक प्रेस नोट जारी कर पर्यवेक्षकों की घोषणा करती है, जो केंद्रीय टीम से संबंधित होते हैं.

चरण 2: इसके बाद पर्यवेक्षक विधायकों से मिलेंगे.

चरण 3: विधान मंडल या विधायक दल की बैठक : नेता की नियुक्ति के लिए पर्यवेक्षक और विधायक मिलेंगे

चरण 4: राजधानी  दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ,  दिल्ली मुख्यमंत्री का चुनाव पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों में से किया जा सकता है.  भाजपा नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “पार्टी की नजर में सभी 48 विधायक बराबर हैं और उनमें से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है.”

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