महाशिवरात्रि 2025: प्रयागराज, नासिक, भुवनेश्वर और कई जगहों पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ेगी, यातायात प्रतिबंध, किन मार्गों से बचना चाहिए.
महाशिवरात्रि 2025 : 26 फरवरी बुधवार को पुरे भारत देश में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है ,जिसकी वजह से कई सारि जगह पर श्रद्धालुओं की वजह से भीड़भाड़ की समस्या बनी हुई है. जिसकी वजह से मुख्य धार्मिक स्थलों जैसे की प्रयागराज, नासिक, भुवनेश्वर, अयोध्या सहित विभिन्न धार्मिक शहरों में पुलिस द्वारा यातायात सलाह जारी की गई है.
महाशिवरात्रि, जिसे भगवान शिव की रात्रि के रूप में जाना जाता है, भारत में महाशिवरात्रि बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. आमतौर पर, महाशिवरात्रि का दिन चंद्र कैलेंडर के अनुसार हर चंद्र-सौर महीने की 13वीं रात या 14वें दिन पड़ता है. आज के दिन भगवान शिव के हर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. और लोग भगवान शिव की पूजा अर्चना करते है.
प्रयागराज में यातायात प्रतिबंध
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का अंतिम स्नान आज महाशिवरात्रि के दिन है उसके बाद महाकुंभ मेला समाप्त हो जाएगा. महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ के अंतिम स्नान के अवसर पर देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर तड़के पहुंचे.
25 फरवरी मंगलवार शाम 4 बजे से महाकुंभ में पूरे मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया गया है और प्राधिकारी अपील कर रहे हैं कि संगम पर भीड़ लगाने के बजाय अपने निकटतम घाट पर पवित्र स्नान करें.
सरकार ने एक बयान भी जारी किया है जिसमें विस्तृत जानकारी दी गई है जिसके अनुसार तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपने निकटतम घाटों पर ही स्नान करें. ताकि भीड़ की वजह से कोई दुर्घटना न हो.
परामर्श के मुताबिक , उत्तरी झूंसी मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं को हरिश्चंद्र घाट और पुराने जीटी घाट जाना चाहिए और दक्षिणी झूंसी से आने वाले श्रद्धालुओं को अरैल घाट का उपयोग करना चाहिए. ऐसा करने से भीड़ भाड़ से थोड़ी राहत मिलेगी.पांडे क्षेत्र से प्रवेश करने वाले भक्तों को सरकारने भारद्वाज घाट, नागवासुकी घाट, मोरी घाट, काली घाट, राम घाट और हनुमान घाट पर डुबकी लगाने की सलाह दी गई है.