ब्लड मून पूर्ण चंद्रग्रहण: यह घटना अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के पश्चिमी गोलार्ध में दिखाई देगी। हम तारीख, आदर्श समय, दृश्यता विवरण, महत्व और बहुत कुछ साझा करते हैं.
रक्तिम चंद्रमा पूर्ण चंद्र ग्रहण: नासा की ऑफिसियल वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, पूर्ण चंद्र ग्रहण या रक्तिम चंद्रमा यानी की लाल चंद्रमा की घटना 14 मार्च को संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका सहित पश्चिमी गोलार्ध में दिखाई देगी. हम होली 2025 पर भारत और अमेरिका में तिथि, आदर्श समय, दृश्यता विवरण और बहुत कुछ साझा करते हैं.
ब्लड मून पूर्ण चंद्र ग्रहण: तिथि, समय और अवधि की जानकारी
नासा के आंकड़ों के मुताबिक पूर्ण चंद्रग्रहण यानि की ब्लड मून चंद्र ग्रहण 1.05 घंटे तक चलने की संभावना है, जब की यह चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को अम्ब्रल ग्रहण 3.38 घंटे तक दिखाई देगा. ब्लड मून चंद्र ग्रहण 13 मार्च की देर रात से लेकर 14 मार्च, 2025 (IST) की सुबह तक दिखाई देगा. नासा ने बताया की स्थानीय अमेरिकी दर्शकों के लिए, ग्रहण 13 मार्च को रात 11:57 बजे EDT पर शुरू होगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया की लगभग 39 प्रतिशत आबादी है, जिसमें अमेरिका के सभी 51 राज्यों के निवासी शामिल हैं, कम से कम उपच्छाया ग्रहण देख पाएंगे,और यह कम से कम 6 घंटे तक चलेगा (NASA के आंकड़ों के अनुसार).नासा के रिपोर्ट में कहा गया है ,की दुनिया की 10.5 प्रतिशत आबादी या 863 मिलियन लोग 14 मार्च को होने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण को देख पाएंगे.
ब्लड मून पूर्ण चंद्र ग्रहण: आप इसे कहाँ देख सकते हैं?
ब्लड मून पूर्ण चंद्रग्रहण 14 मार्च को पूरे अमेरिका, प्रशांत (पूर्वी ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत द्वीप समूह), पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका में दिखाई देगा.
दृश्यता के संदर्भ में, अपने स्थानीय मौसम केन्द्र से साफ आसमान या बादलों, बारिश और अन्य बाधाओं की संभावना के बारे में जानकारी प्राप्त करें.
विशेष रूप से, भारत में रहने वाले खगोलीय पर्यवेक्षकों के लिए जो लाल रंग के चंद्रमा की झलक के साथ होली 2025 मनाने की उम्मीद कर रहे हैं , वे देश में इस ग्रहण को नहीं देख पाएंगे. वास्तव में, ब्लड मून पूर्व चन्दर ग्रहण भारत, पूर्वी यूरोप और पूर्वी अफ्रीका सहित महाद्वीपीय एशिया में दिखाई नहीं देगा.
पूर्ण चंद्रग्रहण क्या है? इसे ब्लड मून क्यों कहा जाता है? जानिए
जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, तब पूर्ण चंद्रग्रहण होता है , जिसकी वजह से एक ऐसी छाया बनती है जो प्रकाश की लाल और नारंगी तरंगदैर्घ्य को छोड़कर बाकी सभी को छान लेती है. इससे आश्चर्यजनक रक्त चंद्रमा प्रभाव पैदा होता है, एक ऐसी घटना जो अक्सर विभिन्न संस्कृतियों में मिथकों और लोककथाओं से जुड़ी होती है.