जैसे जैसे केंद्रीय बजट 2025 नजदीक आ रहा है ,ऐसे ही मध्यम वर्ग के करदाताओं को बोझिल कर प्रणाली से राहत मिलने की उम्मीद है. प्रस्तावित बदलावों से कर की दरें कम हो सकती हैं और कटौती की सीमा बढ़ सकती है, जिससे व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों को लाभ होगा, साथ ही अनुपालन को आसान बनाने और आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए टीडीएस श्रेणियों को सरल बनाया जा सकता है.
केंद्रीय बजट 2025 बहुत जल्द आने ही वाला है. और करदाता इस पर नजर रखकर बैठे है. पिछले कुछ सालो में मध्यम वर्ग ने कर के बोझ का एक बड़ा हिस्सा अपने कंधों पर उठाया है,व्यक्तिगत कर संग्रह वित्त वर्ष 21 में ₹4.8 लाख करोड़ रूपये से दोगुना होकर वित्त वर्ष 24 में 10.4 लाख करोड़ रूपये हो गया है. इस साल मध्यम वर्ग के लोग बहुत ज़रूरी राहत की उम्मीद कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि यह बजट क्यों खास है और लोग क्या उम्मीद कर रहे हैं.
1. बोझ कम करने के लिए कर स्लैब को अपडेट करना
कई लोगो को वर्तमान कर प्रणाली पुरानी लगती है. मौजूदा कर प्रणाली में 15 लाख रुपये से ज़्यादा की आय पर 30% कर लगता है और यह सीमा कई सालों से नहीं बदली गई है.
करदाता एक नई, अधिक न्यायपूर्ण संरचना की आशा कर रहे हैं जैसे की
- 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं (वर्तमान में 3 लाख रुपये ).
- 5-10 लाख रुपये पर 10% कर.
- 10-20 लाख रुपये पर 20% कर.
- 20 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% कर.
यह सब बदलाव से एक बहुत बड़ा बदलाव आएगा उदाहरण से देखे तो ,अगर कोई व्यक्ति साल में 25 लाख रूपये कमाता है ,तो मौजूदा ढांचे के मुकाबले इस नए ढांचे के तहत 1.5 लाख रुपये से ज़्यादा टैक्स की बचत कर सकता है. यह एक ऐसा कदम है जो मध्यम वर्ग के करदाताओं को कुछ राहत प्रदान कर सकता है.
2. बचत और निवेश के लिए ज्यादा कटौती
कई सारे करदाताओं को लगता है की ,हाल की वर्तमान कटौती सीमाएँ अब जीवन की बढ़ती लागत से मेल नहीं खाती हैं. यहाँ क्या अपेक्षित है:
धारा80C : पीपीएफ, ईएलएसएस और कर-बचत एफडी में बचत को प्रोत्साहित करने के लिए सीमा को 1.5 लाख रूपये से बढ़ाकर 2.5 लाखबी रूपये करना.
धारा 80 D : स्वास्थ्य बीमा कटौती को व्यक्तियों के लिए 50,000 रूपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रूपये तक बढ़ाना.
गृह ऋण ब्याज: घर खरीदना अधिक किफायती बनाने के लिए कटौती की सीमा को 2 लाख रूपये से बढ़ाकर 3 लाख रूपये किया गया.
इन सभी परिवर्तनों से मध्यम वर्ग के लोगो के जेब में ज्यादा पैसा बचेगा और दीर्घकालिक वित्तीय योजना बनाने को प्रोत्साहन मिलेगा.
3. वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान केंद्रित करें
वरिष्ठ वृद्ध नागरिको की अक्सर अलग – अलग वित्तीय जरूरते होती है,और इस 2025 के बजट से उन्हें अतिरिक्त सहायता मिलने की उम्मीद है. स्वास्थ्य सेवा और बचत के लिए उच्च छूट सीमा और बड़े कर लाभ की संभावना है.
4. प्रमुख क्षेत्रों के लिए समर्थन
इस साल केंद्रीय बजट 2025 के दौरान सरकार द्वारा विकास को गति देने के लिए विशिष्ट उद्योगों पर भी ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है:
विनिर्माण: मेक-इन-इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए नई विनिर्माण इकाइयों के लिए 15% रियायती कर दर को बढ़ाया जाना.
स्वास्थ्य सेवा: उपचार को अधिक किफायती बनाने के लिए चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी और आयात शुल्क कम करना.
रियल एस्टेट: घर खरीदने वालों के लिए कर लाभ, निर्माणाधीन संपत्तियों के लिए जीएसटी युक्तिकरण, तथा किफायती आवास प्रोत्साहन इस क्षेत्र को बहुत जरूरी बढ़ावा दे सकते हैं.
5. सभी लोगो के लिए करों को सरल बनाना
टैक्स फाइल करना सिरदर्द जैसा लग सकता है, खासकर हाल की टीडीएस सिस्टम, जिस में जिसमें बहुत सारे स्लैब और दरें हैं. बजट में टीडीएस श्रेणियों की संख्या में कटौती करके इसे सरल बनाया जा सकता है, जिससे सभी के लिए इसका अनुपालन करना आसान हो जाएगा.
केंद्रीय बजट 2025 सिर्फ एक कागज पर लिखे नंबरों से कई ज्यादा है ,यह आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए करदाताओं के लिए जीवन को आसान बनाने के लिए बहुत जरूरी है. उसमे खास तौर पर मध्यम वर्ग के लोग ऐसे बदलावों की उम्मीद कर रहे है क्योकि कई सारे बदलाव उनके कर बोझ को कम कर सकें और बचत बढ़ा सकते है.