केंद्रीय बजट 2025 : v मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया बजट पेश जानिए पूरी जानकारी

Hetal Chudasma

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में महत्वपूर्ण सुधारों की घोषणा की, जिसमें आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 12 लाख करना और टीडीएस छूट सीमा में वृद्धि करना शामिल है.

आयकर छूट से लेकर कैंसर रोगियों को राहत तक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में लोकसभा में प्रमुख सुधारों की घोषणा की है.

यहां 10 महत्वपूर्ण अपडेट दिए गए हैं जो आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं.

1 ) 12 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया जिसमे कई सारी घोषणा की गई जिसमे से एक 12  रूपये लाख तक की वार्षिक आय पर शून्य कर लगाना था. भारत सरकार ने आयकर छूट सीमा को 7 लाख रूपये  से बढ़ाकर 12  लाख रूपये  कर दिया है. वेतनभोगी वर्ग के लिए, 75,000  रूपये की मानक कटौती के कारण 12.75 लाख तक की आय वाले व्यक्तियों पर आयकर छूट है.  हालांकि, पूंजीगत लाभ कर पर अलग से कर लगेगा.

2) टीडीएस और टीसीएस संशोधित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट के दौरान ब्याज आय पर निर्भर वरिष्ठ नागरिकों को राहत प्रदान करते हुए बैंक जमा पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) छूट सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव रखा. 

6 लाख रूपये  तक की किराये की आय पर कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा , जो पहले 2.4 लाख  रूपये था. और  इसके अलावा, 10,000 रूपये  तक के लाभांश आय वाले शेयरधारकों पर कोई टीडीएस नहीं लगाया जाएगा , जो पहले  5,000 था.

टीसीएस (स्रोत पर एकत्रित कर) के संदर्भ में, उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत अंतरराष्ट्रीय लेनदेन पर छूट की सीमा 7 लाख रूपये  से बढ़ाकर 10 लाख  रूपये कर दी गई है.  स्वीकृत शिक्षा ऋण द्वारा वित्तपोषित होने पर शिक्षा से संबंधित विप्रेषण पर कोई टीसीएस नहीं लगाया जाएगा.

3) वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटा 4.4% रहने का लक्ष्य

भारत सरकारने अगले वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.4% पर रखने का लक्ष्य रखा है. राजकोषीय घाटा, जो सरकारी राजस्व और व्यय के बीच का अंतर है, वित्त वर्ष 25 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.8% रहा है.

4 ) नया आयकर विधेयक

वित्त मंत्री सीतारमण के अनुसार, नया आयकर विधेयक मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 की तुलना में अधिक स्पष्ट होगा और इसमें लगभग 50% कम पाठ होगा, जिससे करदाताओं और प्रशासन के लिए कानून का अनुपालन करना आसान हो जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले सप्ताह संसद के बजट सत्र के दौरान नया आयकर विधेयक पेश करेंगी.

 5 ) कैंसर रोगियों के लिए राहत

भारत सरकार ने 36 जीवन रक्षक दवाओं और औषधियों को मूल सीमा शुल्क बीसीडी से पूरी तरह छूट प्राप्त दवाओं की सूची में जोड़ने की योजना बनाई है. और इसके अलावा, 6 जीवन रक्षक दवाओं को 5% की रियायती सीमा शुल्क वाली दवाओं की सूची में जोड़ा जाएगा. इसके अलावा और केंद्रीय बजट 2025 के तहत कैंसर रोगियों के लिए एक और राहत में अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करना शामिल है. वित्त वर्ष 2026 में सरकार 200 डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करेगी.

6) पूंजीगत व्यय

भारत सरकार ने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए  11.21 लाख करोड़  रुपए आवंटित किए हैं, जो वित्त वर्ष 2025 के कैपेक्स आवंटन से 0.9% की वृद्धि दर्शाता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में पूंजीगत व्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रूपये  आवंटित किए थे, जब की  बजट 2025 में वित्त वर्ष 2025 के लिए संशोधित पूंजीगत व्यय को घटाकर 10.18 लाख करोड़ रूपये  कर दिया गया है.

7 )पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के उपाय

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों के साथ साझेदारी में भारत के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को विकसित करने का प्रस्ताव दिया है. पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कुछ अन्य उपायों में होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण, ई-वीजा सुविधाओं को सुव्यवस्थित करना, युवाओं के लिए गहन कौशल विकास कार्यक्रम और पर्यटन स्थल विकास के लिए राज्यों के लिए पीएलआई प्रोत्साहन शामिल हैं.

8) संशोधित उड़ान योजना

सरकार उड़ान योजना में संशोधन करेगी, जो क्षेत्रीय हवाई अड्डा विकास योजना है, ताकि अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों को क्षेत्रीय संपर्क प्रदान किया जा सके तथा 4 करोड़ यात्रियों को लाया जा सके.

9) किसान क्रेडिट योजना

किसान क्रेडिट कार्ड कृषि और गैर-कृषि जरूरतों के लिए ऋण प्रदान करते हैं. भारत  सरकार ने 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा देने के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत केसीसी ऋण सीमा को 3 लाख रूपये  से बढ़ाकर 5 लाख  रूपये कर दिया है. 

10) बीमा क्षेत्र में एफडीआई

सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% कर दी है, जिससे विदेशी संस्थाओं के लिए रास्ता साफ हो गया है.  2021 में, बीमा क्षेत्र में FDI की सीमा फरवरी 2021 में 49% से बढ़ाकर 74% कर दी गई थी.

Share This Article
Leave a comment