RBI के नए शुल्क यहां देखें :1 मई से ATM से पैसे निकालना महंगा हो जाएगा,न्यूनतम बैलेंस, क्रेडिट कार्ड नियम प्रभावित होंगे

Hetal Chudasma

भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम निकासी शुल्क बढ़ाकर 19 रुपये कर दिया है और गैर-लेनदेन शुल्क में संशोधन किया है. बैंक क्रेडिट कार्ड भत्ते और न्यूनतम शेष राशि के नियमों को अपडेट कर रहे हैं, गैर-अनुपालन के लिए दंड के साथ, विशेष रूप से बड़े संस्थानों पर निर्भर छोटे बैंकों के ग्राहकों को प्रभावित कर रहे हैं.

मंगलवार 25 मार्च  को डीडी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 मई से ATM से नकदी निकालना महंगा हो जाएगा, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक यानि की RBI ने इंटरचेंज फीस बढ़ा दी है. यह बढ़ी हुई फीस तब लागू होगी जब ग्राहक अपनी मुफ्त लेनदेन सीमा पार कर लेंगे – मेट्रो शहरों में पांच और गैर-मेट्रो क्षेत्रों में अन्य बैंकों के ATM से तीन लेनदेन.

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्राहकों को मुफ्त सीमा से परे प्रत्येक लेनदेन के लिए 2 रूपये  का अतिरिक्त भुगतान करना होगा. गैर-लेनदेन शुल्क में भी  1 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. अब एटीएम से नकदी निकालने पर प्रति लेनदेन 19 रूपये का शुल्क लगेगा, जो पहले  17 रुपये था.

आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, अब खाते में शेष राशि की जांच करने पर प्रति लेनदेन  7 रुपये का शुल्क लगेगा, जबकि पहले यह 6 रुपये था. नए बैंकिंग नियम क्रेडिट कार्ड भत्ते और बचत खाते के नियमों में भी बदलाव करेंगे.

न्यूनतम शेष राशि में परिवर्तन

SBI बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक और अन्य संस्थान अपने न्यूनतम बैलेंस नियमों को अपडेट कर रहे हैं. अब अकाउंट में जरूरी बैलेंस इस बात पर निर्भर करेगा कि खाता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में है या नहीं. जब की निर्धारित बैलेंस न बनाए रखने पर जुर्माना लग सकता है.

क्रेडिट कार्ड के फायदे

SBI और IDFC फर्स्ट बैंक समेत अन्य प्रमुख बैंक अपने सह-ब्रांडेड विस्तारा क्रेडिट कार्ड में बदलाव कर रहे हैं. इस बदलाव में टिकट वाउचर, रिन्यूअल भत्ते और माइलस्टोन रिवॉर्ड जैसे लाभ बंद कर दिए जाएंगे. 18 अप्रैल से एक्सिस बैंक इसी तरह के बदलाव लागू करेगा, जिसका असर उसके विस्तारा क्रेडिट कार्डधारकों पर पड़ेगा.

ATM  इंटरचेंज शुल्क क्या है?

यह शुल्क किसी बैंक द्वारा किसी अन्य बैंक को ATM सेवाएँ प्रदान करने के लिए लिया जाता है. यह शुल्क, आमतौर पर प्रति लेनदेन एक निश्चित राशि होती है, जिसे अक्सर ग्राहकों को उनकी बैंकिंग लागत के हिस्से के रूप में दिया जाता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि RBI ने व्हाइट-लेबल ATM ऑपरेटरों के अनुरोध के बाद इन शुल्कों को संशोधित करने का निर्णय लिया, जिन्होंने तर्क दिया था कि बढ़ते परिचालन व्यय से उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.

शुल्कों में लिए गए बदलाव पूरे देश में लागु होंगे और इसका असर ग्राहकों पर पड़ने की उम्मीद है, और खास तौर पर छोटे बैंकों के ग्राहकों पर. इसमें कहा गया है कि ये बैंक ATM इंफ्रास्ट्रक्चर और संबंधित सेवाओं के लिए बड़े वित्तीय संस्थानों पर निर्भर हैं, जिससे वे बढ़ती लागतों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं.

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