‘चीन भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है’ चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने सकारात्मक प्रगति की है

Hetal Chudasma

‘चीन भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है’: चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने सकारात्मक प्रगति की है.

7 मार्च शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को कहा कि रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच सफल बैठक के बाद भारत और चीन ने सकारात्मक प्रगति की है.

वांग यी ने अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की और कहा कि चीन भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है.

वांग ने कहा, ” पिछले अनुभवों को समेटे जा सके और चीन-भारत संबंधों को मजबूत एवं स्थिर विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ाया जा सके इसीलिए चीन भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है”

चीनी मंत्री, जो सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के शक्तिशाली राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य भी हैं,उन्होंने  कहा कि सीमा प्रश्न या विशिष्ट मतभेदों से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं पड़ना चाहिए.

चीन के मंत्री वांग यी ने कहा कि पिछले वर्ष की सफलता के बाद दोनों देशों ने सभी स्तरों पर उत्साहजनक परिणाम हासिल किए हैं.

पिछले साल 23 अक्टूबर को मोदी और शी के बीच कज़ान में वार्ता हुई थी और दोनों पक्षों ने विभिन्न वार्ता  के दौरान तंत्रों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया था, जिससे  चीन और भारत के संबंधों में चार वर्षों से ज्यादा समय से चली आ रही स्थिरता समाप्त हुई थी.

उसके बाद, भारत और चीन ने देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के लिए समझौता किया और उसके बाद विघटन प्रक्रिया पूरी कर ली.

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने क्या कहा

– वांग ने चीन के इस रुख को दोहराया कि सीमा या अन्य मुद्दों पर मतभेदों से समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं पड़ना चाहिए.

– उन्होंने कहा की अगर चीन और भारत आपस में हाथ मिला लें तो अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ज्यादा लोकतंत्र और मजबूत वैश्विक दक्षिण की संभावना काफी बढ़ जाएगी.

–  पुराने अनुभवों को एकत्रित किया जा सके और चीन-भारत संबंधों को सुदृढ़ एवं स्थिर विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ाया जा सके इसीलिए चीन भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है.

–   चीनी मंत्री ने कहा की ,दो प्राचीन सभ्यताओं के रूप में, हमारे पास सीमा मुद्दे के निष्पक्ष और उचित समाधान तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए पर्याप्त ज्ञान और क्षमता है.

–  चीनी मंत्री ने कहा ड्रैगन और हाथी के बीच सहयोगात्मक साझेदारी ही दोनों पक्षों के लिए एकमात्र सच्चा और अच्छा विकल्प है.

– चीन का मानना ​​है कि सबसे बड़े पड़ोसी होने के नाते दोनों देशों को एक-दूसरे की सफलता में हिस्सेदार बनना चाहिए.

–  हमें द्विपक्षीय संबंधों को कभी भी सीमा प्रश्न या विशिष्ट मतभेदों से परिभाषित नहीं होने देना चाहिए, जिससे हमारे द्विपक्षीय संबंधों की समग्र तस्वीर प्रभावित हो.

– उन्होंने हमारे पास एक-दूसरे को कमतर आंकने या एक-दूसरे को कमतर आंकने के बजाय एक-दूसरे का समर्थन करने का हर कारण है.

–  चीन और भारत दोनों देशों को “एक दूसरे के खिलाफ़ चौकसी करने के बजाय एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए”.

–   विदेशी मंत्री वांग  यी ने कहा ,हमें न केवल अपने देशों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करनी चाहिए, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों को भी बनाए रखना चाहिए.

चीनी  विदेशी मंत्री  वांग  यी  ने अंत में कहा कि 2025 में चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ होगी.

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