डोनाल्ड ट्रंप ने भारत ‘बहुत उच्च टैरिफ वाला देश’ कहा है ,और भारत अमेरिकी टैरिफ के लिए तैयार हो रहा है

Hetal Chudasma

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि भारत बहुत अधिक टैरिफ वाला देश है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 मार्च मंगलवार को कांग्रेस को अपने संबोधन में कहा की वह 2 अप्रैल से अमेरिकी वस्तुओ पर शुल्क लगाने वाले देशों पर पारस्परिक शुल्क लगाएंगे. और देशो में भारत भी शामिल है , और इसके अलावा  भारत के साथ-साथ कनाडा और मैक्सिको भी शामिल हैं.

डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार 6 मार्च को एक घोषणा की मेक्सिको से होने वाले कई आयातों और कनाडा से होने वाले कुछ आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ को एक महीने के लिए टाल दिया गया है. उन्होंने  यह भी कहा कि टैरिफ पर देरी सिर्फ़ कुछ समय के लिए है, उसके बाद 2 अप्रैल से “बड़ा टैरिफ” लगाया जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 मार्च गुरुवार को पारस्परिक शुल्क लगाने के अपने फैसले को दोहराते हुए कहा, “और सबसे बड़ा शुल्क 2 अप्रैल को लगेगा, जब पारस्परिक शुल्क लगाया जाएगा, चाहे कोई भी देश हो भारत या चीन, या कोई भी देश हो, लेकिन वास्तव में…भारत बहुत उच्च शुल्क वाला देश है.  यह बात ट्रम्प गुरुवार को ओवल ऑफिस में कुछ कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करते समय बोल रहे थे.

ट्रम्प ने आदेशों पर हस्ताक्षर करने से पहले कहा लेकिन, “अधिकांश टैरिफ 2 अप्रैल को लागू होंगे,” एसोसिएटेड प्रेस ने उनके हवाले से कहा, “फिलहाल, हमारे पास कुछ अस्थायी और छोटे टैरिफ हैं, अपेक्षाकृत छोटे, हालांकि मेक्सिको और कनाडा के साथ बहुत सारा पैसा खर्च करना है.” ट्रम्प ने कहा कि वह ऑटोमोबाइल पर 25% टैरिफ की छूट को एक महीने के लिए और बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहे हैं.

ट्रम्प टैरिफ का सामना करने की भारत की क्या योजना के बारे में जानते है

लंदन के चैथम हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में  विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और अमेरिका एक अलग द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं.
जयशंकर ने कहा, “हमने इस बारे में बहुत खुलकर बातचीत की और उस बातचीत का नतीजा  निकला कि हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए. हमारे व्यापार मंत्री, वास्तव में, अभी वाशिंगटन में हैं और ठीक यही काम कर रहे हैं.”
जब भारतीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल व्यापार वार्ता के लिए लगभग एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर थे तब यह बयान आया है.

भारतीय रसायन उद्योग को लाभ

प्रभुदास लीलाधर की एक रिपोर्ट के मुताबिक , उनका कहना है की चीन, कनाडा और मैक्सिको पर सख्त टैरिफ लगाने के संयुक्त राज्य अमेरिका के हालिया फैसले  के  कारण  भारतीय रसायन उद्योग को अच्छा लाभ मिलने वाला है. रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अमेरिका को भारतीय रसायन निर्यात में वृद्धि देखी जा सकती है क्योंकि अमेरिकी कंपनियां चीनी आयातों की जगह वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रही हैं.

इसमें कहा गया है, “हमारा मानना ​​है कि अमेरिका द्वारा कनाडा, मैक्सिको और चीन पर कठोर टैरिफ लगाने से भारतीय रासायनिक कंपनियों को अमेरिकी बाजार में निर्यात में लाभ हो सकता है, क्योंकि वे चीन का विकल्प तलाश सकती हैं.”

अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी रसायनों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिस की वजह से भारतीय कंपनियाँ ज्यादा आकर्षक विकल्प बन गई हैं. भारत को केवल 10 प्रतिशत प्रतिशोधात्मक टैरिफ का सामना करना पड़ता है, इसलिए उसे अमेरिकी बाजार में चीन के मुकाबले 10 प्रतिशत लागत लाभ मिलता है.

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