दिल्ली विधान सभा में भाजपा 27 साल के सूखे को खत्म करने के लिए तैयार है. 70 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी दो तिहाई बहुमत के करीब पहुंचती दिख रही है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से भाजपा से निष्कासित एक नेता चर्चा का विषय बन गया है.
दिल्ली में 27 साल तक विपक्ष रहने के बाद भाजपा की पार्टी में वापसी करने के साथ ही पार्टी से निष्कासित नेता नूपुर शर्मा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई हैं. दिल्ली चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मतगणना जारी रहने तक भाजपा पार्टी को 47 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत मिल गया है. राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में कई सारी जगहों पर जश्न का माहौल चल रहा है. और अब चर्चाएं संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की ओर मुड़ गई हैं.
नुपुर शर्मा एक अप्रत्याशित दावेदार के रूप में उभर आयी है. और सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उन्हें शीर्ष पद दिए जाने की मांग की है. दिल्ली की इस राजनेता नुपुर शर्मा को जून 2022 में भगवा पार्टी से निलंबित कर दिया गया था,क्योकि इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ उनकी टिप्पणियों ने वैश्विक आक्रोश पैदा कर दिया था. हालांकि अब सोशल मीडिया यूजर्स ने हाल के हफ्तों में सुलह की मांग की है — उन्हें पार्टी का ‘हिंदू चेहरा’ करार दिया है.
विधान सभा के चुनाव के परिणाम के दिन शनिवार को वोटों की गिनती जारी रहने के दौरान विवादास्पद राजनेता एक्स पर ‘ट्रेंड’ करने लगे. समर्थको ने पहले नूपुर शर्मा को दिल्ली विधान सभा का चुनाव लड़ने को कहा था.
सोशल मिडिया पर एक यूजर्स ने जोर देकर कहा ,”दिल्ली में सीएम के लिए मेरी पहली पसंद नूपुर शर्मा हैं. उन्हें सीएम बनाया जाना चाहिए .”
और एक अन्य यूजर्स ने सहमति जताते हुए कहा, “मेरे लिए एकमात्र सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति जिसे मैंने देखा है और जो भाजपा के सीएम पद के लिए सबसे योग्य है, वह नूपुर शर्मा हैं.”
तीसरे ने लिखा, “उम्मीद है कि नूपुर शर्मा वापस आएंगी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.”
नूपुर शर्मा ने इस से पहले साल 2015 में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रतिष्ठित नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. उन्हें आप नेता ने 35% से अधिक मतों के अंतर से हराया था। नूपुर शर्मा को को 2020 के चुनावों में उम्मीदवार के रूप में नहीं उतारा गया था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अन्य लोगों ने कोंडली निर्वाचन क्षेत्र के परिणामों को भाजपा के लिए ‘बड़ा संदेश’ बताया है. नूपुर शर्मा के समर्थको ने जोर देकर कहा की , कहा कि प्रियंका गौतम के बजाय नूपुर शर्मा पार्टी से टिकट दिया जाना चाहिए था. इस सीट पर आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार ने 6,293 मतों के अंतर से जीत दर्ज की.
आप का पतन, भाजपा का लाभ
विधान सभा चुनाव के नतीजों के दौरान ज्यादातर एग्ज़िट पोल में बीजेपी की जीत का अनुमान लगाया गया है. आम आदमी पार्टी आप जिसके प्रमुख अरविंद केजरीवाल है उनकी आम आदमी पार्टी ने पिछले 2 चुनाव में शानदार जित हासिल की थी.साल 2015 में आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 67 सीटें जीती थीं. और साल 2020 में फिर से आम आदमी पार्टी ने जित हासिल की और 62 सीटे जीती थी. इस चुनाव में दिल्ली में 60.42 प्रतिशत मतदान हुआ.