दो सूत्रों ने बताया कि सीतारमण 8 से 10 अप्रैल तक यूनाइटेड किंगडम और 21 से 26 अप्रैल तक संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर रहेंगी.
रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 8 से 10 अप्रैल तक यूनाइटेड किंगडम और 21 से 26 अप्रैल तक संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करेंगी.
इस यात्रा के दौरान ब्रिटेन में सीतारमण भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता में भाग लेंगी और प्रमुख सरकारी अधिकारियों से मुलाकात करेंगी.
बैठकों में भारत के वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के प्रतिनिधि और यूके ट्रेजरी, बैंक ऑफ इंग्लैंड और वित्तीय आचरण प्राधिकरण के अधिकारी शामिल होंगे.
जानकारी के मुताबिक,निर्मला सीतारमण विश्व बैंक समूह और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की 2025 की वसंतकालीन बैठक के लिए अमेरिका का दौरा करेंगी.
सूत्र ने बताया, “ब्रिटेन की अपनी यात्रा के दौरान सीतारमण ब्रिटेन की चांसलर रेचेल रीव्स और अन्य ब्रिटिश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठक कर सकती हैं.”
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता
निर्मला सीतारमण की यूके यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. 24 फरवरी को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और यूके के व्यापार एवं व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने आठ महीने के ब्रेक के बाद प्रस्तावित भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की घोषणा की.
13 जनवरी 2022 को शुरू हुई इस वार्ता में अब तक 14 दौर की बातचीत हो चुकी है. दोनों देश भारत और ब्रिटेन तीन प्रमुख समझौतों पर बातचीत कर रहे हैं जिसमे पहला एफटीए, दूसरा द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) और तीसरा दोहरे कराधान से बचाव समझौता.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अमेरिका यात्रा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों पर पारस्परिक शुल्क लगाए जाने के कुछ सप्ताह बाद होगी. पारस्परिक शुल्क एक ऐसा व्यापार उपाय है जिसमें एक देश संतुलित व्यापार सुनिश्चित करने और घरेलू उद्योगों की रक्षा करने के लिए दूसरे देश के निर्यात पर आयात शुल्क के बराबर शुल्क लगाता है.
भारत-अमेरिका वार्ता
भारत और अमेरिका आने वाले हफ्तों में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के तहत क्षेत्रीय वार्ता करने वाले हैं.और यह निर्णय दोनों देशों भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चार दिनों की वार्ता के बाद लिया गया है, जो 29 मार्च को समाप्त हुई.
जानकारी से पता चला की “वित्त मंत्री की अमेरिका यात्रा में मुख्य रूप से विश्व बैंक समूह और आईएमएफ स्प्रिंग मीटिंग में उनकी भागीदारी शामिल होगी. और इस बात की उम्मीद है कि वह विश्व बैंक और आईएमएफ के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगी.”
इसके अलावा “यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत की ब्रिटेन और अमेरिका के साथ व्यापार और निवेश वार्ताएं महत्वपूर्ण हैं. लंदन में चर्चाएं एफटीए और निवेश ढांचे को आगे बढ़ाने पर केंद्रित हो सकती हैं, जबकि वाशिंगटन में चर्चाएं संभवतः वैश्विक आर्थिक सहयोग के इर्द-गिर्द केंद्रित होंगी.”