ग्रीन लैंड के प्रधानमंत्री ने कहा की उनके लोग अमेरिकी बन ना नहीं चाहते ,लेकिन वह डोनाल्ड ट्रम्प से बात करने के लिए राजी है.

Hetal Chudasma

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्युटे बी. एगेडे ने यह बात अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस बयान के बाद आयी है जिस में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था की ,वह ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाना चाहते है और अमेरिका का हिस्सा बनाने के लिए सैन्य बल या आर्थिक दबाव का इस्तेमाल करने से इनकार नहीं करेंगे .

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्युटे बी. एगेडे ने 10 जनवरी शुक्रवार को यह बात बोली है की, खनिज  – समृद्ध और आर्कटिक क्षेत्र के लोग अमेरिकी नहीं बन ना चाहते है. लेकिन वो द्वीप के रणनीतिक स्थिति  को देखते हुए अमरीका के प्रधानमंत्री डोनाल्ड ट्रम्प की रूचि को समझते है,और वे वाशिंगटन के साथ अधिक सहयोग के लिए तैयार है.

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री की यह बात ट्रम्प द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में दिए गए एक बयान के बाद आयी है. उस बयान में अमेरिकी प्रधानमंत्री ने कहा था की ,वह ग्रीनलैंड – जो डेनमार्क का एक अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र है – को संयुक्त राज्य अमेरिका का हिस्सा बनाने के लिए बल या आर्थिक दबाव का उपयोग करने से इनकार नहीं करेंगे. ट्रम्प ने यह भी कहा की यह अमरीका के राष्ट्रिय सुरक्षा का मामला है.

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्युटे बी. एगेडे ने माना की ग्रीनलैंड उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप का हिस्सा है और “यह एक ऐसी जगह है जिसे अमेरिकी अपनी दुनिया का एक  हिस्सा मानते हैं.” उन्होंने कहा की अभी तक उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से बात नहीं की है ,लेकिन वह इस बारे में चर्चा के लिए  तैयार है की  “हमें क्या एकजुट करता है.” म्युटे बी. एगेडे ने कहा की  “सहयोग का मतलब बातचीत है. सहयोग का मतलब है कि आप समाधान की दिशा में काम करेंगे.”

ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्युटे बी. एगेडे  ग्रीनलैंड की  स्वतंत्रता की मांग कर रहे है, और डेनमार्क को एक औपनिवेशिक शक्ति के रूप में  प्रदर्शित कर रहे है, जिसने स्वदेशी इनुइट आबादी के साथ हमेशा बुरा व्यवहार किया है.

उन्होंने कोपेनहेगन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा की , “ग्रीनलैंड ग्रीनलैंडिक लोगों के लिए है. हम डेनिश नहीं बनना चाहते, हम अमेरिकी नहीं बनना चाहते. हम ग्रीनलैंडिक बनना चाहते हैं.”

ग्रीनलैंड के लिए  डोनाल्ड ट्रम्प की इच्छा ने डेनमार्क के साथ-साथ पूरे यूरोप में चिंता पैदा कर दी है.  संयुक्त राज्य अमेरिका 27 देशों के यूरोपीय संघ का एक मजबूत सहयोगी है और नाटो गठबंधन का प्रमुख सदस्य है, और कई यूरोपीय लोग इस बात से हैरान परेशान थे कि आने वाला अमेरिकी नेता अपने सहयोगी के खिलाफ बल प्रयोग करने पर भी विचार कर सकता है. लेकिन फ्रेडरिक्सन ने कहा कि वह इस चर्चा में एक सकारात्मक पहलू देखते है. उन्होंने कहा, “ग्रीनलैंड की स्वतंत्रता पर की गई बहस और अमेरिका की ओर से की गई नवीनतम घोषणाएं हमें ग्रीनलैंड में बड़ी दिलचस्पी दिखाती हैं. ” “ऐसी घटनाएं जिन्होंने ग्रीनलैंड और डेनमार्क में कई लोगों के मन में बहुत सारे विचार और भावनाएं जगाईं.”उन्होंने कहा, “अमेरिका हमारा सबसे करीबी सहयोगी है और हम मजबूत सहयोग बनाये  रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे”.

डेनमार्क के सार्वजनिक प्रसारक, डीआर ने शुक्रवार को बताया कि ट्रम्प की टीम ने ग्रीनलैंड में गृहविहीन और सामाजिक रूप से वंचित लोगों को एक अच्छे रेस्टोरेंट में मुफ्त भोजन की पेशकश की और बाद एमएजीए टोपी पहने हुए एक वीडियो में दिखाई देने के लिए प्रोत्साहित किया. रिपोर्ट में एक स्थानीय निवासी टॉम एमटॉफ़ के हवाले से बताया गया है, जिन्होंने ट्रम्प की टीम द्वारा प्रसारित वीडियो में उनमें से कुछ को पहचाना.

उन्होंने कहा, “उन्हें रिश्वत दी जा रही है और यह बेहद अप्रिय है.

ग्रीनलैंड की कुल आबादी 57,000 है. लेकिन यह एक बड़ा क्षेत्र है जिसमे  प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं, जिसमे तेल , गैस और दुर्लभ पृथ्वी तत्व शामिल हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण बर्फ पिघलने के साथ और अधिक सुलभ होने की उम्मीद है. ग्रीनलैंड में   आर्कटिक में इसका एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान भी है, जहाँ रूस, चीन और अन्य देश अपना विस्तार करना चाहते हैं.

दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप ग्रीनलैंड डेनमार्क की तुलना में उत्तरी अमेरिकी मुख्य भूमि के ज़्यादा नज़दीक है. कोपेनहेगन इसके विदेशी मामलों और रक्षा के लिए ज़िम्मेदार है, जबकि अमेरिका ग्रीनलैंड की रक्षा के लिए भी उतना ही जिम्मेदार है. और 1951 की संधि के आधार पर वहाँ एक वायु सेना बेस संचालित करता है.

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