तीसरी तिमाही के नतीजों की असर :स्वास्थ्य सेवा, बैंकिंग क्षेत्र में बढ़त हुई , तेल एवं गैस, ऑटो, उपभोक्ता क्षेत्रों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है

Hetal Chudasma

तीसरी तिमाही का स्कोरकार्ड काफी सामान्य रहा है ,जिसको बीएफएसआई ने फिरसे एक बार बढ़ावा दिया और प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा, पूंजीगत सामान और रियल एस्टेट का योगदान सकारात्मक रहा.

वित्त वर्ष 2025 के लिए तीसरी तिमाही के नतीजों के मौसम ने मिश्रित नतीजे दिए, जिसमें निफ्टी 50 ने दलाल स्ट्रीट की उम्मीदों के अनुरूप कर के बाद लाभ (पीएटी) में मामूली 5% साल-दर-साल (YoY) वृद्धि दर्ज कीइस महामारी के बाद से  एकल अंकों के पीएटी वृद्धि की लगातार तीसरी तिमाही है. बल्कि लार्ज-कैप कंपनियों ने उनकी  उम्मीदों को पूरा किया, मिड-कैप ने बेहतर प्रदर्शन किया, और स्मॉल-कैप ने महत्वपूर्ण चूक दर्ज की.

दिसंबर तिमाही में कॉर्पोरेट आय का स्कोरकार्ड सामान्य  रहा,  जिसे बीएफएसआई ने एक बार फिर बढ़ावा दिया है, जबकि प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा, पूंजीगत सामान और रियल एस्टेट का योगदान सकारात्मक रहा.यहां Q3FY25 में क्षेत्रीय प्रदर्शन पर एक नजर है.

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र

स्वास्थ्य सेवा: एक उत्कृष्ट प्रदर्शनकर्ता

तिमाही में सालाना के आधार पर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने  25% की मजबूत आय वृद्धि दर्ज की, जो 19 %  के अनुमान से ज्यादा है. इस पुरे स्तर पर पुरा  प्रदर्शन अमेरिकी जेनेरिक बाजार में मजबूत मांग, पुरानी चिकित्सा पर बढ़ते फोकस और स्थिर कच्चे माल की कीमतों से प्रेरित था. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (एमओएफएसएल) के मुताबिक, तीव्र चिकित्सा से कम योगदान के बावजूद, इस क्षेत्र ने अपनी विकास गति बनाए रखी है.

बैंक क्षेत्र :ठोस वृद्धि लेकिन मार्जिन दबाव में

बैंकों ने  तो स्थिर प्रदर्शन किया, लेकिन निजी क्षेत्र के बैंकों को नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) में कमी और प्रोविजनिंग लागत में वृद्धि के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको में कुछ हद तक मार्जिन में कमी देखि गई. निजी बैंको के लिए शुद्ध ब्याज आय वृद्धि दर सालाना आधार पर 9% और पीएसयू बैंकों के लिए 3.6% रही. एमओएफएसएल ने  अपने एक रिपोर्ट में कहा कि माइक्रोफाइनेंस में निरंतर तनाव के बीच अधिकांश बैंकों के लिए ताजा स्लिपेज उच्च स्तर पर रहा.

निजी बैंक :  निजी बैंक में अग्रिम वृद्धि 2.8% तिमाही दर तिमाही रही, जबकि अधिकांश बैंकों के लिए CASA अनुपात में कमी जारी रही. अधिकांश बैंकों के लिए MFI में धीमी वृद्धि के कारण प्रतिफल में गिरावट के कारण NIM में कमी देखी गई. असुरक्षित खंडों में तनाव के कारण स्लिपेज उच्च स्तर पर रहा, जबकि अन्य नियंत्रण में रहे.

पीएसयू बैंक: सरकारी बैंकों के लिए एनआईआई तिमाही दर तिमाही आधार पर 0.4% पर स्थिर रहा. अधिकांश बैंकों के लिए स्लिपेज नियंत्रण में रहा, जिससे बैंकों के लिए तनाव के कोई आसन्न संकेत नहीं दिखे. जिसकी वजह से  सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (जीएनपीए) अनुपात में तिमाही दर तिमाही आधार पर 6-51 बीपीएस का सुधार हुआ.

प्रौद्योगिकी क्षेत्र : मामूली वृद्धि के साथ मिश्रित तिमाही

आईटीआई सेवा फर्मो ने मौसमी रूप से कमजोर तिमाही देखि , जिसमें स्थिर मुद्रा शर्तों में 1.8% तिमाही दर तिमाही औसत राजस्व वृद्धि हुई. प्रमुख खिलाड़ियों के मार्गदर्शन संशोधन में निवेशकों को निराश किया है , जब की  डिजिटल परिवर्तन और एआई-केंद्रित क्षेत्रों में चुनिंदा कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन जारी रखा.

पूंजीगत सामान और औद्योगिक क्षेत्र: वृहद दबावों के बीच भी लचीला

औद्योगिक कंपनियों को स्वचालन और विनिर्माण विस्तार में निरंतर निवेश से लाभ हुआ. और मजबूत बुनियादी ढांचे पर खर्च और ऑर्डर प्रवाह ने पूंजीगत सामान क्षेत्र में आय वृद्धि को समर्थन दिया.

चुनौतियों का सामना कर रहे क्षेत्र

तेल एवं गैस: स्थिर राजस्व, लाभप्रदता प्रभावित

तेल और गैस क्षेत्र का राजस्व  लगाए गए अनुमान के अनुरूप रहा, लेकिन PAT में सालाना आधार पर 11% की गिरावट आई, जो अनुमान के हिसाब से 7 % कम है.मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक, तेल विपणन कंपनियों (OMC) को छोड़कर, समायोजित PAT में सालाना आधार पर 8% की गिरावट आई, हालांकि EBITDA सालाना आधार पर स्थिर रहा.  कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और नीतिगत अनिश्चितता ने क्षेत्र के प्रदर्शन को प्रभावित किया.

उपभोक्ता क्षेत्र: कमज़ोर मांग और मार्जिन दबाव

लाभ में 5% की वार्षिक गिरावट आई है जिसकी वजह से उपभोक्ता क्षेत्र संघर्ष कर रहा है, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज कवरेज के अंतर्गत आने वाली FMCG कंपनियों ने 6.8% वार्षिक राजस्व वृद्धि दर्ज की, क्योंकि मांग कम रही. अधिकांश कंपनियों के लिए वॉल्यूम वृद्धि कम से लेकर मध्य एकल अंकों तक सीमित रही.

वस्तुओं की बढ़ती लागत,खास  रूप से कृषि क्षेत्र में, तथा अपर्याप्त मूल्य वृद्धि के कारण अधिकांश श्रेणियों और कंपनियों में सकल मार्जिन पर दबाव पड़ा.लगातार मांग की चुनौतियों, मार्जिन दबावों और मौन प्रबंधन टिप्पणियों ने निरंतर कमजोरी का संकेत दिया. ग्रामीण मांग परिदृश्य में कुछ सुधार दिखा, लेकिन शहरी खपत प्रवृत्तियाँ सुस्त रहीं.

ऑटोमोबाइल: अनिश्चित दृष्टिकोण के साथ कमजोर तिमाही

ऑटो सेक्टर ने तीसरी तिमाही में मुनाफे में 2% की गिरावट दर्ज की, जबकि कुल राजस्व में 7% की वृद्धि हुई, , जबकि EBITDA में 2% की गिरावट आई. जबकि ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत मिले, लेकिन वित्त वर्ष 26 के लिए व्यापक उद्योग परिदृश्य अनिश्चित बना रहा.

धातु एवं कमोडिटी: आय में गिरावट से प्रदर्शन पर असर

धातु क्षेत्र को आय में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई जिसमें प्रमुख कंपनियों जैसे की  जेएसडब्ल्यू स्टील -9.5% और टाटा स्टील -5.9%  ने अपने पूर्वानुमान में कमी की.वैश्विक कमोडिटी कीमतों में उतार-चढ़ाव और कमजोर घरेलू मांग ने इस क्षेत्र के संघर्ष में योगदान दिया.

आय संशोधन और बाजार दृष्टिकोण

वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए निफ्टी ईपीएस अनुमानों में क्रमशः 1.4% और 1.8% की कटौती की गई, जिसका मुख्य कारण ओएनजीसी, एचडीएफसी बैंक , जेएसडब्ल्यू स्टील, एक्सिस बैंक और एसबीआई में डाउनग्रेड था.  इसी दौरान, शीर्ष आय उन्नयन में भारती एयरटेल , हिंडाल्को, टाटा मोटर्स , कोटक महिंद्रा बैंक और मारुति सुजुकी इंडिया शामिल थे.

जबकि व्यापक बाजार सुधार ने संभावित आय निराशाओं में से कुछ को जिम्मेदार ठहराया है, मिड- और स्मॉल-कैप मूल्यांकन महंगे बने हुए हैं. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुताबिक , निफ्टी 50 वर्तमान में 19.3x के 12-महीने के फॉरवर्ड पी/ई पर कारोबार कर रहा है, जो इसके 20.5x के दीर्घ-अवधि औसत से कम है.

निवेश रणनीति: लार्ज कैप की ओर झुकाव

क्षेत्रीय रुझानों और आय संशोधनों को देखते हुए,  मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की प्राथमिकता लार्ज-कैप स्टॉक की ओर बनी हुई है, जिनका मॉडल पोर्टफोलियो में 76% आवंटन है. निवेश रणनीति खपत, बीएफएसआई, आईटी, इंडस्ट्रियल, हेल्थकेयर और रियल एस्टेट पर ओवरवेट (OW) बनी हुई है, जबकि तेल और गैस, सीमेंट, ऑटोमोबाइल और धातुओं पर अंडरवेट (UW) रुख बनाए रखा है.

कॉर्पोरेट आय वृद्धि की उम्मीदें कम होने के साथ, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए तथा चुनिंदा रूप से मौलिक रूप से मजबूत क्षेत्रों में निवेश करना चाहिए.

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