आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम, कर विधेयक की धारावार मैपिंग शुरू की
15 फरवरी को आयकरदाता अब आयकर अधिनियम, 1961 की धाराओं का मिलान सरलीकृत आयकर विधेयक, 2025 के संगत प्रावधानों से कर विभाग के पोर्टल पर कर सकते हैं. इसके अलावा आयकर अधिनियम, 1961 के मुताबिक अनुभाग दर अनुभाग मैपिंग और नए आयकर विधेयक के अनुसार अनुभाग संख्या को आयकर विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में सरलीकृत आयकर विधेयक, 2025 पेश किया. एक बार अधिनियमित होने के बाद यह विधेयक 64 साल पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा, जो समय के साथ अपने पारंपरिक प्रारूपण और कई संशोधनों की वजह से काफी भारी हो गया है.
नए आयकर विधेयक में शब्दों की संख्या 2.6 लाख है, जो आईटी अधिनियम में 5.12 लाख से कम है. इस आयकर विधेयक में 536 संख्या में धराए है. जबकि मौजूदा कानून में 819 धाराएं प्रभावी हैं.
इस विधेयक में अध्यायों की संख्या भी वर्तमान में 47 से आधी करके 23 कर दी गई है. इस विधेयक में 57 तालिकाएँ हैं, जबकि मौजूदा अधिनियम में 18 हैं, इसके अलावा नए आयकर विधेयक में ऐसे सूत्र भी हैं जो करदाता के लिए कर देयता की गणना करना आसान बनाते हैं. इसमें 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं.
14 फरवरी को आयकर विभागने अपनी एक पोस्ट में कहा की ,उसने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा और नए आयकर विधेयक के संगत खंड की जांच करने के लिए उपयोगिता को सक्रिय कर दिया है. करदाता ड्रॉप डाउन मेनू से आयकर अधिनियम, 1961 की धारा का चयन कर सकता है और उसके अनुसार आयकर विधेयक में संगत खंड दिखाई देगा. इसके अलावा, करदाताओं की सुविधा के लिए सारणीबद्ध प्रारूप में अनुभागवार मानचित्रण दिया गया है.
नए विधेयक में छोटे वाक्यों का इस्तेमाल किया गया है और तालिकाओं और सूत्रों के इस्तेमाल से इसे पाठकों के लिए सुविधाजनक बनाया गया है. टीडीएस, अनुमानित कराधान, वेतन और खराब ऋण के लिए कटौती से संबंधित प्रावधानों के लिए तालिकाएं प्रदान की गई हैं.
नए विधेयक में 1 अप्रैल से शुरू होने वाली 12 महीने की अवधि के रूप में ‘कर वर्ष’ की नई अवधारणा पेश की गई है,यह कर निर्धारण और पिछले वर्ष की वर्तमान अवधारणा को प्रतिस्थापित करेगा. वर्तमान में, पिछले वर्ष (PY) यानी अप्रैल 2024 से मार्च 2025 में अर्जित आय का कर निर्धारण वर्ष (AY) 2025-26 में किया जाएगा.
नया विधेयक 1 अप्रैल 2026 को लोकसभा की प्रवर समिति द्वारा समीक्षा किये जाने और संसद द्वारा मंजूरी दिये जाने के बाद से प्रभावी होगा.
नए विधेयक में फ्रिंज बेनिफिट टैक्स से संबंधित अनावश्यक धाराएँ हटा दी गई हैं. विधेयक में कोई स्पष्टीकरण या शर्त नहीं है, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान हो गया है. इसीलिए नया विधेयक काफी सरल है.
इसके अलावा, आयकर अधिनियम, 1961 में अत्यधिक प्रयुक्त शब्द ‘बावजूद’ को नए विधेयक में हटा दिया गया है तथा लगभग सभी जगह इसके स्थान पर ‘इतर’ शब्द का प्रयोग किया गया है.