सांसदों और पूर्व सांसदों के वेतन में वृद्धि , भत्ते और पेंशन में होगी बढ़ोतरी – नया वेतन यहां देखें

Hetal Chudasma

सांसदों के वेतन में वृद्धि: लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर, सरकार ने सोमवार को 1 अप्रैल, 2023 से संसद सदस्यों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की अधिसूचना जारी की

केंद्र सरकार ने वेतन में वृद्धि की अधिसूचना जारी कर दी है, यह संसद सदस्यों और पूर्व सांसदों के लिए  बहुत अच्छी खबर है. केंद्र सरकार ने  भत्ते, पेंशन और अतिरिक्त पेंशन में भी बढ़ोतरी की है, जो 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी.

अधिसूचना में कहा गया है, “संसद सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन अधिनियम, 1954 (1954 का 30) की धारा 3 की उप-धारा (2) और धारा 8ए की उप-धारा (1ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) की धारा 48 के स्पष्टीकरण के खंड (v) के तहत निर्दिष्ट लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर संसद सदस्यों और पूर्व सदस्यों के वेतन, दैनिक भत्ते, पेंशन और अतिरिक्त पेंशन में वृद्धि को 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी करती है.”

सांसदों के वेतन में वृद्धि

संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक मासिक वेतन एक लाख से बढ़ाकर 1.24 लाख रुपये कर दिया गया है, मतलब की 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी है.

–  दैनिक भत्ता 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रूपये  कर दिया गया है.

–  मासिक पेंशन को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 31,000 रूपये कर दिया गया है.

–  पांच वर्ष से ज्यादा की प्रत्येक वर्ष की सेवा के लिए अतिरिक्त पेंशन 2000 रुपये  से बढ़ाकर 2,500 रुपये कर दी गई है.

इसके अलावा सांसदों को फोन और इंटरनेट उपयोग के लिए भी सालाना भत्ता मिलता है.

यह घटनाक्रम कर्नाटक विधानसभा द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सभी विधायकों के वेतन में 100 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी देने वाले विधेयक पारित करने के कुछ ही दिनों बाद सामने आया है.

कर्नाटक के विधायकों के वेतन वृद्धि के कारण सरकारी खजाने पर सालाना 62 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा.

कर्नाटक मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक के मुताबिक, मुख्यमंत्री का मासिक वेतन 75,000 रुपये से दोगुना होकर 1.5 लाख रुपये हो जाएगा, जबकि  कर्नाटक मंत्रियों का वेतन 60,000 रुपये से 108 प्रतिशत बढ़कर 1.25 लाख रुपये हो जाएगा.

कर्नाटक विधानमंडल वेतन, पेंशन और भत्ते (संशोधन) विधेयक, 2025 विधायकों और एमएलसी का मासिक वेतन 40,000 रुपये  से बढ़ाकर 80,000 रुपये कर देता है, जबकि उनकी पेंशन 50,000 रूपये  से बढ़कर 75,000रूपये हो जाएगी.

इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद सभापति का मासिक वेतन भी  75,000 रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये किया जाएगा.

मंत्री वेतन एवं भत्ता (संशोधन) विधेयक में कहा गया है, “जीवन-यापन की लागत में काफी वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री, मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और उप-मंत्रियों के वेतन और भत्ते में लंबे समय से संशोधन नहीं किया गया है.” इसमें कहा गया है कि प्रस्तावित उपाय से प्रति वर्ष लगभग 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवर्ती व्यय होगा.
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