केंद्र सरकार ने सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए पासपोर्ट नियमों में संशोधन किया है. मुख्य बदलावों में नए आवेदकों के लिए जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में केवल जन्म प्रमाण पत्र स्वीकार करना, मुद्रित पते की जगह बारकोड और पासपोर्ट के लिए रंग-कोडिंग प्रणाली शामिल है.
केंद्र सरकार ने हाल ही में पासपोर्ट नियमों में नए संशोधन किया है, जिसके तहत नए पासपोर्ट के लिए आवेदकों को अद्यतन नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
पिछले सप्ताह जारी किये गए एक आधिकारिक नोट में पासपोर्ट नियम, 1980 में संशोधन को औपचारिक रूप दिया गया.
केंद्र सरकार द्वारा करे गए इन परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा और दक्षता को बढ़ाना और पासपोर्ट आवेदकों को निर्बाध अनुभव प्रदान करना है.
पासपोर्ट के लिए आवेदन करने से पहले ध्यान में रखने योग्य पांच बातें यहां दी गई हैं:
1 .जन्म प्रमाण पत्र: 1 अक्टूबर 2023 को या उसके बाद जन्मे आवेदकों के लिए उपयुक्त प्राधिकारियों द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र को ही जन्म तिथि (डीओबी) का एकमात्र प्रमाण माना जाएगा.
नए नियमो के अनुसार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार, नगर निगम या जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1969 के तहत सशक्त किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र को जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाएगा.
पासपोर्ट आवेदक जन्म तिथि के प्रमाण के बदले में वैकल्पिक दस्तावेज भी प्रदान कर सकते है, जैसे की पैन कार्ड, सेवा रिकॉर्ड/वेतन पेंशन आदेश (केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए), ड्राइविंग लाइसेंस, चुनाव पहचान पत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, या एलआईसी पॉलिसी बांड,या फिर आधारकार्ड जैसे दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते है.
2 .आवासीय पता: पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर दर्ज आवासीय पता, जो अब तक का मानक था, अब पासपोर्ट पर नहीं छपेगा,इसकी जगह पे अब से अब पासपोर्ट पर एक बारकोड छपा होगा, जिसे इमिग्रेशन अधिकारी स्कैन करके आपकी जानकारी प्राप्त करेंगे.
3 .रंग-कोडिंग प्रणाली: विभिन्न नागरिकों के पासपोर्ट की पहचान आसान बनाने के लिए रंग-कोडिंग प्रणाली शुरू की जा रही है. इस रंग कोडिंग पासपोर्ट में सरकारी अधिकारियों को सफेद पासपोर्ट मिलेंगे, राजनयिकों को लाल पासपोर्ट मिलेंगे,और आम नागरिकों को नीले पासपोर्ट मिलते रहेंगे.
4 .माता-पिता का नाम हटाना : पासपोर्ट धारक के माता-पिता का नाम अब पासपोर्ट पर नहीं छपेगा. ऐसा परिवर्तन करने से व्यक्तिगत जानकारी के अनावश्यक प्रकटीकरण को रोका जा सकेगा.
5 .पासपोर्ट सेवा केंद्र : पासपोर्ट सेवा केंद्र, जहां पासपोर्ट धारकों के आवेदन और सत्यापन की प्रक्रिया होती है, का विस्तार किया जाएगा. अगले पांच वर्षों में इनकी संख्या 442 से बढ़ाकर 600 करने के लिए नए केंद्र स्थापित किए जाएंगे.