दो बार विश्व वर्ल्ड कप के विजेता पूर्व भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (mahendra shinh dhoni ) ने कहा की अच्छा क्रिकेट खेलते रहने से जन संपर्क की कोई जरूरत नहीं है. ms dhoni ने हाल ही में एक बातचीत के दौरान दस साल पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद से अपनी शानदार यात्रा पर विचार साझा करते हुए बताया कि कैसे उनके प्रबंधक अक्सर जनसंपर्क के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाने का सुझाव देते थे लेकिन वह हमेशा इससे दूर रहे .
में सोशल मीडिया का फेन नहीं हूँ
MS dhoni ने ‘यूरोग्रिप टायर्स’ के ‘ट्रेड टॉक्स’ के नवीनतम एपिसोड में कहा, ‘‘‘मैं कभी भी सोशल मीडिया का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं रहा. मेरे साथ कई सारे प्रबंधको ने काम किया है. और वो मुझे सोशल मिडिया का इस्तेमाल करने की सलाह देते थे “उन्होंने कहा ‘‘मैंने 2004 में खेलना शुरू किया था, इसलिए ट्विटर और इंस्टाग्राम लोकप्रिय हो रहे थे,और प्रबंधक कई तरह के तर्क देकर कह रहे थे कि आपको कुछ पीआर बनाना चाहिए, लेकिन मेरा एक ही जवाब था कि अगर मैं अच्छा क्रिकेट खेलता हूं तो मुझे पीआर की जरूरत नहीं है’’
‘मैं इन चीजों का तनाव नहीं लेता हूं’
MS धोनी ने बताया की” में सोशल मीडिया पर कुछ साझा करने जैसा होगा तो में साझा करूंगा. में इन चीज़ो का तनाव नहीं लेता हूँ की किसके कितने फॉलोवर्स है ,कितनी पोस्ट है ,कौन क्या कर रहा है ,मुझे इन सब चीज़ो से फर्क नहीं पड़ता क्योकी में जानता हु की अगर में क्रिकेट में ध्यान रखूँगा तो बाकि सब अपने आप हो जायेगा “. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को 2020 में अलविदा कहने वाले महेंद्रसिंह धोनी ने इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी (18वां सत्र) सत्र में खेलने की तैयारी शुरू करने वाले है. उनका मानना है की इस पड़ाव पर फ़िट्नेर्स बनाये रखना काफी चुनौतीपूर्ण है
फिटनेस के लिए क्या करते है ?
झारखंड के एक विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैं पहले की तरह फिट नहीं हूं, फिट रहने के लिए आप क्या खा रहे है.” धोनी ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में खाने और जिम जाने के बीच बहुत सारे खेल खेल ने से मुझे मदद मिलती है ,इसलिए जब भी मुझे समय मिलता है ,तो मैं कई अलग-अलग खेल जैसे कि टेनिस, बैडमिंटन, फुटबॉल खेलता हूँ. यह खेल मुझे व्यस्त रखते हैं और यह फिटनेस बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका है’’
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी नहीं खलती है ?
भारत के जाने माने कप्तानों में से एक महेंद्रसिंह धोनी को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की कमी नहीं खिलती है, क्योकि उनका केहना है की, उन्होंने इस खेल से देश की गौरवान्वित करने अपनी भूमिका निभा ली है उन्होंने कहा “मुझे लगा की और समय मिलेगा पर यह थोड़ी निराशा की बात है की मुझे ज्यादा समय नहीं मिला. मुझे अब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की कमी महसूस नहीं होती है ,क्योकि में मानता हु की आप अपने लिए जो फैसले लेते हे वो सोच समजकर ही लेते है”. उन्होंने यह भी कहा की अगर आपने कोई फैसला ले लिया है, तो उस पर ज्यादा सोचने का कोई मतलब नहीं है. इसलिए मैं अपने देश के लिए जो कुछ भी कर पाया, भगवान की कृपा से बहुत खुश हूं”
दोस्तों के साथ समय बिताना
महेंद्रसिंह धोनी ने कहा “में दोस्तों के साथ काफी समय बिता पता हूँ में काफी अधिक मोटरसाइकिल की सवारी करता हूँ जो की ये यात्रा काफी लम्बी नहीं होती. और ये मेरे दिल के काफी करीब है”.
धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया, जिनमें से उन्होंने 27 बार जीत हासिल की, 18 हारे और 15 ड्रा रहे. 45.00 के जीत प्रतिशत के साथ,वह भारत के सभी सफल कप्तानों में से एक है. भारत को को आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान तक पहोचने वाले वो पेहले कप्तान थे. उन्होंने आईसीसी के सभी तीन सीमित ओवरों के खिताब जीते हैं और 2007 में टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है.