भारत के उधोग पति और रिलायंस कंपनी के मालिक मुकेश अंबानी भारत की एआई क्षमताओं को बढ़ाने के लिए गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने की योजना बना रहे है.
भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने की योजना बना रहे हैं, जैसा कि ब्लूमबर्ग ने 24 जनवरी को बताया. नई परियोजना का मुख्य उद्देश्य वैश्विक एआई खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षमताओं को और बढ़ावा देना है. इस परियोजना का अब तक कोई आधिकारिक विवरण उपलब्ध नहीं किया गया है.रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कथित तौर पर मुख्य एआई डेवलपर कंपनी एनवीडिया से एआई सेमीकंडक्टर खरीदे हैं.
रिलायंस और एनवीडिया साझेदारी
एनवीडिया एआई समिट इंडिया 2024 का आयोजन 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर, 2024 तक भारत के मुंबई में जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में हुआ, जहा पे एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने भारत में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए रिलायंस और एनवीडिया के बीच साझेदारी की घोषणा की थी. इसके शिखर सम्मेलन में बोलते हुए जेन्सेन हुआंग ने कहा की “भारत एक ऐसा देश हुआ करता था जो सॉफ्टवेयर बनाता था. अपने सॉफ्टवेयर का निर्यात किया.भविष्य में, भारत एआई का निर्यात करने जा रहा है. मुझे उम्मीद है कि आप सभी के साथ मिलकर मैं भारत को इस नई औद्योगिक क्रांति के केंद्र में लाने में सक्षम हो पाऊंगा.”
एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने यह भी कहा की ,”आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नेतृत्व करने के लिए, आपके पास एआई मॉडल तकनीक होनी चाहिए जो भारत के पास है, आपके पास सही से डेटा होना चाहिए ,और आखरी चीज़ जो आपके पास होनी चाहिए वो है ,एआई इंफ्रास्ट्रक्चर, तोह इस बात पर हम यह घोषणा कर रहे है की रिलायंस और एन विडिया भारत में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए साझेदारी कर रहे हैं. ”
इस कार्यक्रम में मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े खुफिया बाजारों में से एक बन जाएगा.मुकेश अंबानी ने कहा “भारत सबसे बड़े खुफिया बाज़ारों में से एक होगा. और यह सिर्फ़ हमारी आकांक्षाएँ नहीं हैं, बल्कि मुझे लगता है कि यह भारत में मौजूद कच्चा जीन पूल और रो जीन पावर है, भारत में मौजूद युवा शक्ति है जो खुफिया जानकारी को आगे बढ़ाती है.”
मुकेश अंबानी को उम्मीद है की एआई सेवाएं भारतीय बाजारों से आगे तक जाएंगी, अंबानी ने कहा, “और अब भारतीय न केवल दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों के सीईओ निर्यात करेंगे, बल्कि करोड़ों भारतीय भी निर्यात करेंगे. और करोड़ों लोग बेहतर दुनिया की मदद के लिए एआई सेवाएं प्रदान करेंगे.”