नया आयकर विधेयक 2025: सेक्शन 80C के तहत कर-बचत कटौती को खंड 123 में स्थानांतरित किया गया.विवरण यहाँ देखें

Hetal Chudasma

आयकर विधेयक  सेक्शन 80C की कटौती को धारा 123 में स्थानांतरित करता है, जो 1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी होगी. इस सुधार का उद्देश्य कर विनियमों को सरल बनाना और करदाताओं की समझ को बढ़ाना है, साथ ही कई पुराने प्रावधानों को समाप्त करना है.

नया आयकर विधेयक 2025 में  कर ढांचे को आसान बनाने और उसमें अव्यवस्था को दूर करने के इरादे से अध्याय VIII में सेक्शन 80 C  कर बचत कटौती को खंड 123 में स्थानांतरित कर दिया गया है.

वित मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 13 फरवरी 2025 को  संसद में पेश किए गए विधेयक में इसका विस्तृत विवरण दिया गया है. इस सुधारे का मुख्य  का उद्देश्य करदाताओं को लाभ पहुंचाना है, क्योंकि यह उन्हें कर-बचत चैनलों के बारे में अधिक जागरूक बनाता है और उन्हें सही वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम बनाता है.

नये आयकर विधेयक में क्या नया है?

हाल ही में पेश किए गए आयकर विधेयक, 2025 में कई प्रावधानों में बदलाव किए गए हैं, जिनमें से एक है सेक्शन 80C के कर-बचत भत्ते को अध्याय VIII के तहत खंड 123 में स्थानांतरित करना. यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा. यह विधेयक मौजूदा कर व्यवस्था को सरल और समझने में आसान बनाएगा.

सेक्शन 80 C  के बारे में डिटेल्स

आयकर अधिनियम के तहत, सेक्शन 80 C करदाताओं को हर साल 1.5 लाख रूपये  तक के कुछ निवेशों और खर्चों पर कटौती की अनुमति देती है. यह व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पूलिंग के कारण उनकी कर योग्य आय को कम करता है और इसके साथ ही, उनके कर भुगतान की कुल मात्रा को भी कम करता है.

सेक्शन 80 C की प्रमुख कटौतियां

सेक्शन 80 C की प्रमुख कटौतियां की बात करे तो उसमे जीवन बिमा ,राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) , इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) , पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानि की PPF में निवेश और कुछ निश्चित अवधि पर जमा पर चुकाए गए प्रीमियम को कवर करती हैं. इन सभी में करदाताओं द्वारा दीर्घकालिक बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने की क्षमता है.

नया विधेयक ऐसी कटौतियों को कैसे प्रभावित करेंगा?

नया आयकर विधेयक के साथ सेक्शन 80 C की कटौती  अब अध्याय VIII के खंड 123 के अंतर्गत आएगी. यह विधेयक कटौती को समाप्त नहीं करती है ,बल्कि उन्हें अलग -अलग श्रेणी में वर्गीकृत कर देता है.और वह संबंधित गति विधियों पर निर्भर करती है. उदाहर के लिए देखे तो जीवन बिमा  और भविष्य निधि  में योगदान खंड 123 के अंतर्गत ही आएगा.

नये विधेयक में अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

नये आयकर विधेयक ने वर्तमान आयकर अधिनियमन के 300 से ज्यादा प्रवधानो को हटा दिया है ,जिन में से काफी सारे प्रावधानों का उपयोग कम किया जाता था. इसके अलावा यह कटौती छूट और पूंजीगत लाभ से सबंधित अधिकांश धाराओं को सरल बनता है जिसकी वजह से उन्हें समझना और लागु करना आसान हो जाये.

करदाताओं इन परिणामो के लिए कैसे तैयार हो सकते है ?

नये विधेयक के बाद करदाताओं को नये नियमो से परिचित होना होगा ,और नए नियमों के तहत, कर लाभों से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए उचित योजना बनाने की आवश्यकता है.

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