UPL ,मारुति सुजुकी,SBI कार्ड, बजाज फाइनेंस… ये 10 शेयर 2025 में सोने की कीमतों को पछाड़ देंगे जबकि निफ्टी 50 में 3% की गिरावट

Hetal Chudasma

भारतीय शेयर बाजार में नुकसान होने के बावजूद भी ,इस साल बीएसई 500 के 10 शेयरों में 15-29% की उछाल आई, जो सोने से बेहतर प्रदर्शन है. एफपीआई की बिकवाली और कमजोर आय जैसे कारकों ने बाजार को प्रभावित किया, जिससे निफ्टी 50 में 3% की गिरावट आई.  विशेषज्ञों का सुझाव है कि टैरिफ नीतियों पर चल रही अनिश्चितताओं के बीच संभावित उछाल आ सकता है.

भारतीय शेयर बाजार में  भारी गिरावट दर्ज होने के बावजूद , अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीतियों, भारी विदेशी पूंजी बहिर्वाह और कमजोर घरेलू मैक्रोइकॉनोमिक संकेतकों के कारण बीएसई 500 इंडेक्स के 10 शेयरों में इस साल (14 फरवरी तक) 15-29% की बढ़ोतरी हुई है. इन शेयरों ने सोने से भी बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसने कमजोर बाजार धारणा के बीच शानदार लाभ दिया है.

ट्रम्प की टैरिफ संबंधी चिंता, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, रुपए की कमजोरी और केंद्रीय बैंक की खरीदारी सोने की कीमतों को बढ़ाने वाले प्रमुख कारक हैं. दूसरी ओर, एफपीआई बिकवाली, व्यापार युद्ध की चिंता, कमजोर तिमाही आय और भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेतों ने शेयर बाजार पर दबाव डाला है.

भारत में वर्तमान में सोने की कीमतों में इस साल अब तक 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि निफ्टी 50 में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है. हालांकि, शेयर बाजार में बिकवाली के बीच बीएसई 500 सूचकांक के 10 शेयरों में मजबूत दोहरे अंकों की बढ़त दर्ज की गई है.

बीएसई 500 सूचकांक के शीर्ष लाभार्थी

शेयर बाजार में कैपिटलमार्केट के आंकड़ों के अनुसार, बीएसई सूचकांक 500 में अब तक सबसे ज्यादा बढ़त SBI कार्ड्स के शेयरों पर 29.29 प्रतिशत से ऊपर हुई है, इसके बाद नविन फ़्लोरिन इंटरनेशनल के शेयर में 23.65 प्रतिशत ऊपर की बढ़त दर्ज हुई है ,और UPLके शेयरों में 23.47 प्रतिशत ऊपर की बढ़त हासिल की है.

इसके अलावा बजाज फाइनेंस  के शेयरों में 23 प्रतिशत से ऊपर की बढ़त दर्ज की गई है ,एसआरएफ के शेयरों में 22.97 प्रतिशत ऊपर, रेडिंगटन के शेयर की कीमत  22.72 प्रतिशत ऊपर, बजाज फिनसर्व के शेयर 17.38 प्रतिशत  से ऊपर , मारुति सुजुकी के शेयर 16.59 प्रतिशत से ऊपर, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी  के शेयर 15.85प्रतिशत से ऊपर और गॉडफ्रे फिलिप्स  के शेयर 14.52 प्रतिशत से  ऊपर. इन सभी शेयरों में  सोने की कीमतों से ज्यादा उछाल आया है.

श्री सीमेंट के शेयरों में 10.87 प्रतिशत ऊपर, टाटा कंज्यूमर के शेयरों में 11.74 प्रतिशत ऊपर और जेनसर टेक के शेयरों में 10.24 प्रतिशत ऊपर इन सभी  शेयरों में भी साल दर साल आधार पर दोहरे अंकों में बढ़त दर्ज की गई है. कुल मिलाकर, बीएसई 500 इंडेक्स में 13 शेयरों में इस साल 10 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई है.

बीएसई 500 सूचकांक में सबसे ज्यादा गिरावट

शेयर बाजार में बीएसई 500 सूचकांक में शामिल 500 शेयरों में से 447 शेयर वर्ष-दर-वर्ष आधार पर नुकसान में हैं.

बीएसई 500 सूचकांक सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाले शेयरों में केन्स टेक के शेयरों में 45.98 प्रतिशत की गिरावट, व्हर्लपूल इंडिया के शेयरों में 45.57 प्रतिशत की गिरावट, न्यूजेन सॉफ्टवेयर के शेयरों में 43.60 प्रतिशत की गिरावट, स्टर्लिंग एंड विल्सन के शेयरों में 43.17 प्रतिशत की गिरावट और टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग कंपनी  के शेयर में 41.09 प्रतिशत की गिरावट शामिल हैं.

इस साल बीएसई सूचकांक में  अब तक 324 शेयरों में 10 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, जबकि 142 शेयरों में 20 प्रतिशत से ज्यादा  की गिरावट आई है तथा 34 शेयरों में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है.

क्या आगे और भी दर्द होने वाला है?

निफ्टी 50 अब अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 26,277 से लगभग 13 प्रतिशत नीचे है.  पिछले साल अक्टूबर से यह हर महीने नीचे आ रहा है. एक्क्सपर्ट का मानना ​​है कि सूचकांक ओवरसोल्ड क्षेत्र में है, और इसमें उछाल आ सकता है.

हालांकि, चिंताएं बनी हुई हैं. ट्रम्प की टैरिफ नीतियां स्पष्ट नहीं हैं, और कोई नहीं जानता कि एफपीआई की बिकवाली कब रुकेगी.  इसलिए, घरेलू बाजार में बिकवाली का रुझान जारी रह सकता है. कुछ विशेषज्ञों को उम्मीद है कि मार्च के बाद बाजार स्थिर हो जाएगा, क्योंकि चौथी तिमाही के आंकड़े बेहतर होंगे.

एंजेल वन के वरिष्ठ विश्लेषक – तकनीकी एवं डेरिवेटिव्स, ओशो कृष्ण ने कहा “तकनीकी दृष्टिकोण से, 22,800-22,700 क्षेत्र (निचला बैंड) के नीचे कोई भी निर्णायक ब्रेकडाउन निकट अवधि में 22,500-22,400 के लिए नए अवसर पैदा कर सकता है, जो कि संभवतः सर्वकालिक उच्च स्तर से लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट है.  23,300-23,350 (20 DEMA और ब्रेकडाउन की नेकलाइन) से शुरू होकर, 23,500 (वेज का ऊपरी बैंड) तक प्रतिरोधों की एक श्रृंखला देखी जा सकती है.  केवल इन स्तरों का उल्लंघन ही बाजार सहभागियों को कुछ राहत प्रदान कर सकता है.”

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