महाकुंभ 2025: महाकुंभ के समापन के करीब होने के बावजूद, भीड़ बढ़ती जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों को यातायात संबंधी समस्याओं और पर्यटकों द्वारा फैलाई गई गंदगी का सामना करना पड़ रहा है.
प्रयागराज में महाकुंभ मेले का अवसर 144 साल के बाद आया है ,और अब तक 600 मिलियन से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में पवित्र डुबकी लगाई है, और 26 फरवरी को महा शिवरात्रि के साथ संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद लगाई जा रही है.
इस महाकुंभ मेले में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,भारत के उद्योगपति अंबानी परिवार और लॉरेन पॉवेल और क्रिस मार्टिन सहित कई अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियों ने महाकुंभ 2025 के दौरान त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई है.
महाकुंभ का ‘ आध्यात्मिक आकर्षण ‘ बहुत महंगा है. 144 साल में एक बार होने वाले इस अनुभव का हिस्सा बनने के लिए श्रद्धालुओं ने हवाई यात्रा, आवास और स्थानीय परिवहन के लिए 300 प्रतिशत तक अधिक भुगतान किया है. महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी और इसका समापन 26 फरवरी को अंतिम स्नान के साथ होने वाला है .
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के पर्यटकों की इस आमद के कारण स्थानीय लोग खुश नहीं हैं. एक रेडिट यूजर ने हाल ही में पोस्ट किया कि ‘प्रयागराज थक चुका है’ और उसने पर्यटकों से पवित्र समागम से बचने की सख्त अपील की.
रेडिट पर यूजर ने सवाल किया,की “लेकिन अब 19 फरवरी है. आखिरी अमृत स्नान हो चुका है. हम महाकुंभ के अंतिम चरण में हैं. तो आखिर भीड़ कम होने के बजाय बढ़ती क्यों जा रही है? [sic]”
‘स्थानीय लोगों को दोषी ठहराया जा रहा है’
उपयोगकर्ता ने आगे दावा किया कि महाकुंभ मेले में पर्यटकों की भारी संख्या के कारण स्थानीय लोगों के लिए अपना दैनिक जीवन जीना मुश्किल हो गया है.
“सबसे बुरी बात? हम स्थानीय लोगों को दोषी ठहराया जा रहा है. कल, मैंने सोचा, ‘ चलो, जो बचा-कूचा है, घूम लेते हैं .’ सबसे बड़ी गलती.मैंने अपनी गाड़ी निकाली, तभी कुछ अनजान लोगों ने मुझे रोक लिया और चिल्लाने लगे, ‘ आप लोगों की वजह से जाम लग रहा है !’ भाई, हम यहीं रहते हैं,” व्यक्ति ने आगे कहा.
रेडिट पोस्ट में पैदल चलने वालों पर नागरिक शिष्टाचार की परवाह किए बिना थूकने और कूड़ा फेंकने का भी आरोप लगाया गया, जबकि वाहनों ने “पहले से ही विक्षिप्त” यातायात को और भी बदतर बना दिया.
महाकुंभ अपशिष्ट
प्रयागराज के महाकुंभ मेले में मेले की शुरुआत से प्रतिदिन लगभग 400 टन कचरा निकलता है ,टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार , इस महाकुंभ मेले के पवित्र आयोजन में लगभग 14,000 मीट्रिक टन ठोस कचरा भी निकला, जिसका निपटान कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हुई थी और 26 फरवरी महाशिवरात्रि के पर्व दिन पर समापन होगा.