प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने महान अभिनेता मनोज कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया और भारतीय सिनेमा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और राष्ट्रीय गौरव को प्रेरित करने वाले उनके देशभक्तिपूर्ण योगदान को मान्यता दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान अभिनेता मनोज कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया और भारतीय सिनेमा मेंमनोज कुमार के महत्वपूर्ण योगदान को याद किया और विशेष रूप से फिल्मों में उनकी देशभक्ति की भावना का उल्लेख किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “महान अभिनेता और फिल्म निर्माता श्री मनोज कुमार जी के निधन से बहुत दुख हुआ. वह भारतीय सिनेमा के प्रतीक थे, जिन्हें विशेष रूप से उनके देशभक्ति के जोश के लिए याद किया जाता था, जो उनकी फिल्मों में भी झलकता था. मनोज जी के कामों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को प्रज्वलित किया और यह पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति ”
मनोज कुमार की मृत्यु
मशहूर अभिनेता, निर्देशक और फिल्म निर्माता मनोज कुमार का 4 अप्रैल, 2025 को सुबह 4:03 बजे उनका निधन हो गया, मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने अपनी आखरी सांसे ली. वह 87 वर्ष के थे. ANI के मुताबिक, मृत्यु का कारण तीव्र रोधगलन के बाद कार्डियोजेनिक शॉक बताया गया है.
वह कई महीनों से डीकंपेंसेटेड लिवर सिरोसिस से भी जूझ रहे थे. मनोज कुमार को 21 फरवरी 2025 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और तब से वह चिकित्सा देखभाल में हैं.
भारतीय सिनेमा में मनोज कुमार का योगदान
वरिष्ठ अभिनेता मनोज कुमार, जिन्हें पहले हरिकृष्ण गोस्वामी के नाम से जाना जाता था, मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई, 1937 को एबटाबाद (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. उन्होंने साल 1950 के दशक के अंत में हिंदी फिल्म उद्योग में प्रवेश किया.
मनोज कुमार 1960 और 1970 के दशक में प्रसिद्धि के शिखर पर पहुँचे. मनोज कुमार को उपकार, पूरब और पश्चिम और शहीद जैसी फ़िल्मों के लिए जाना जाता है, जिसके कारण उन्हें “भारत कुमार” उपनाम मिला.
मनोज कुमार ने अपने निर्देशन की शुरुआत उपकार (1967) से की, और इसके लिए उन्हें द्वितीय सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला. उनकी अन्य प्रमुख निर्देशित फिल्मों में पूरब और पश्चिम (1970) और रोटी कपड़ा और मकान (1974) शामिल हैं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा.
मनोज कुमार को 1992 में पद्मश्री और 2015 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार जैसे कई पुरस्कार मिले. उन्होंने सात फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते.
उनकी फ़िल्में देशभक्ति, अखंडता और राष्ट्रीय एकता के विषयों पर आधारित थीं. मनोज कुमार ने 2004 में औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीति में भी प्रवेश किया.