तीसरी तिमाही में लाभ में कमी होने के बाद भारतीय दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज के शेयरों में गिरावट देखने को मिली

Hetal Chudasma

शेयर मार्केट में  भारतीय दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज को तीसरी तिमाही के लाभ में कमी होने के कारण उनके शेयरों में गिरावट दर्ज हुई है.

शेयर बाजार (stockmarket) में आज शुक्रवार के दिन भारतीय दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज के शेयरों में 6% की गिरावट आई है,और ये लगभग नौ महीनो में अपने सबसे खराब सत्र की ओर अग्रसर है, क्योकि खास तो उत्तरी अमेरिका के बाजार में कम बिक्री और मूल्य निर्धारण दबाव के कारण कंपनी तीसरी तिमाही के लाभ अनुमानों से चूक गई है इसी लिए इस बार इसके शेयरों में गिरावट दर्ज हुई है.

जेनेरिक दवा निर्माता कंपनी निफ्टी फार्मा इंडेक्स और बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स पर सबसे ज्यादा नुकसान में रही है. जिसमे आज सुबह 11:45 बजे तक  फार्मा इंडेक्स में 1.1% की गिरावट आई और निफ्टी में 0.5% की बढ़त दर्ज की गई है.

सेंट्रम ब्रोकिंग के विश्लेषक सुमित गुप्ता ने कहा, “शेयरों में गिरावट इसलिए आई है क्योंकि बाजार में कंपनी की अमेरिका में बिक्री में सुस्ती को लेकर निकट भविष्य की चिंताएं हैं.”

भारतीय दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज  अमेरिका में धीमी बिक्री, नई दवा आवेदनों के लिए विलंबित अनुमोदन तथा कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच कम कीमत से जूझ रही हैं.

कुणाल लखन जो एक सीएलएसए के विश्लेषक है , उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में रेड्डी की वृद्धि धीमी रहेगी,क्योकि इसकी  निर्भरता ब्रिस्टल-मायर्स स्क्विब की लोकप्रिय कैंसर उपचार दवा रेवलिमिड के जेनेरिक संस्करण पर अधिक है.

गुरुवार को  भारतीय दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज ने जेनेरिक कैंसर दवा, लेनालिडोमाइड की धीमी बिक्री पर चिंता जताई, जिस के कारण उत्तरी अमेरिका के कारोबार पर असर पड़ रहा है.  रेड्डी के कुल राजस्व में इस क्षेत्र का योगदान करीब 41% है.

नुवामा के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा कि क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण दवा की बिक्री “खत्म होने के करीब” पहुंच गई है. उन्होंने यह भी कहा की , “निवेशकों का ध्यान इस बात पर है कि डॉ. रेड्डीज आय पर जी.आर.वी.लिमिड के प्रभाव की भरपाई किस प्रकार करता है.” नुवामा ने अपने स्टॉक का लक्ष्य मूल्य 1,553 रुपए से घटाकर 1,533 रुपए कर दिया, तथा “खरीदें” रेटिंग बरकरार रखी.

भारतीय दवा निर्माता कंपनी डॉ. रेड्डीज कंपनी की  उत्तरी अमेरिका में बिक्री में वार्षिक आधार पर 1% की वृद्धि हुई, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 9% की गिरावट दर्ज की गई है.

मैक्वेरी ने एक नोट में कहा कि कंपनी की भारत में बिक्री के कारण ही , उसके समग्र राजस्व को बढ़ाया, और गैस्ट्रो और कार्डियो खंडों में कमजोर बिक्री के कारण विकास में मंदी दर्ज की है.

एलएसईजी के आंकड़ों से पता चला कि कम से कम चार ब्रोकरेज फर्मों ने स्टॉक के मूल्य लक्ष्य घटा दिए, जबकि तीन ने अपनी रेटिंग घटा दी.

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