रतन टाटा की हाल ही में खोली गई वसीयत ने लोगों को चौंका दिया है,क्योकि उनके एक गैर-पारिवारिक, लेकिन करीबी सहयोगी को दिवंगत, प्रिय उद्योगपति से ₹ 500 करोड़ की विरासत मिली है. जानिए यह सहयोगी कौन है और टाटा ने उसे क्यों तरजीह दी.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है की , रतन टाटा की हाल ही में खोली गई वसीयत ने लोगों को चौंका दिया है, क्योंकि एक गैर-पारिवारिक, लेकिन करीबी सहयोगी को दिवंगत, प्रिय उद्योगपति से 500 करोड़ रुपये की संपत्ति विरासत में मिली है.
मोहिनी मोहन दत्ता नामक व्यक्ति जो जमशेदपुर के रहने वाले है और स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी के सह-मालिक थे, जो बाद में ताज सर्विसेज शाखा के तहत ताज ग्रुप ऑफ़ होटल्स का हिस्सा बन गई. मोहिनी मोहन दत्ता को बहुत से लोग नहीं जानते थे,लेकिन रतन टाटा के करीबी थे. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें 500 करोड़ रुपये से अधिक की अवशिष्ट संपत्ति विरासत में मिली है.
मोहिनी मोहन दत्ता कौन हैं? जानिऐ
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, दत्ता और उनके परिवार के पास स्टैलियन में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसका 2013 के दौरान ताज सर्विसेज के साथ विलय कर दिया गया था. स्टैलियन में शेष 20 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा इंडस्ट्रीज के पास थी. इसके अलावा , दत्ता टीसी ट्रैवल सर्विसेज (पूर्व में थॉमस कुक से जुड़े) के निदेशक भी थे और रतन टाटा के सबसे करीबी लोगों में से एक थे, जिसमें परिवार के सदस्य भी शामिल थे, रिपोर्ट में अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा गया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया है की अक्टूबर 2024 में टाटा के अंतिम संस्कार के समय दत्ता ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वे रतन टाटा से तब मिले थे जब उद्योगपति 24 साल के थे और जमशेदपुर के डीलर्स होटल में मिले थे और तब से वे एक-दूसरे को 60 साल से जानते हैं. कथित तौर पर दत्ता को दिसंबर 2024 में एनसीपीए में रतन टाटा की जयंती समारोह में भी आमंत्रित किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि दत्ता की एक बेटी ने ताज होटल्स में और फिर टाटा ट्रस्ट्स में 2024 तक नौ साल तक काम किया.
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक,मोहिनी मोहन दत्ता ने प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया,जबकि रतन टाटा की वसीयत के निष्पादक – सौतेली बहनें शिरीन और दीना जीजीभॉय, करीबी मित्र डेरियस खंबाटा और मेलही मिस्त्री ने भी कोई टिप्पणी नहीं की.
रतन टाटा की वसीयत में क्या लिखा है?
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि रतन टाटा की वसीयत के अनुसार, इस दिग्गज कारोबारी की शेष संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा दत्ता के पास छोड़ा गया है, जिसका मूल्य 500 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वसीयत को प्रोबेट से गुजरने और उच्च न्यायालय द्वारा प्रमाणित किए जाने के बाद ही वितरित किए जाने की संभावना है. एक्सपर्ट ने अखबार को बताया कि इस प्रक्रिया में कम से कम छह महीने लगने की संभावना है.
बंदोबस्ती का हिस्सा क्या हो सकता है?
रतन टाटा ने अपने निधन से पहले विरासत को वितरित करने के लिए रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट और रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन की स्थापना की. पूर्व चेयरमैन एमेरिटस की संपत्ति में टाटा संस में प्रत्यक्ष 0.83 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है, जिसका अनुमान रिपोर्ट में लगभग 8,000 करोड़ रूपये लगाया गया है,विभिन्न स्टार्ट-अप में हिस्सेदारी, आरएनटी एसोसिएट्स में 186 करोड़ रूपये सहित निवेश – उनकी निजी निवेश कंपनी, पेंटिंग सहित महंगी कलाकृतियाँ और मासेराती कारों जैसी लक्जरी संपत्तियाँ, रिपोर्ट में कहा गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा की कुल निवल संपत्ति अभी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि वर्तमान बाजार मूल्य पर मूल्यांकन अभी पूरा नहीं हुआ है.