UPSCsuccess story : मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले की IAS अधिकारी राधिका गुप्ता ने स्व-अध्ययन के माध्यम से अपने दूसरे प्रयास में UPSC पास किया.भारतीय रेलवे में प्रारंभिक चयन के बावजूद, उन्होंने समर्पण के साथ अपने IAS सपने को पूरा किया.
UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करना भारत में कई लोगों के लिए एक प्रतिष्ठित लक्ष्य है, और IAS अधिकारी राधिका गुप्ता की IAS बनने की यह यात्रा उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा बन गई है. गुप्ता, जिन्होंने 2020 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की, मध्य प्रदेश के एक वंचित क्षेत्र से आती हैं और उन्होंने अपने गाँव में दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की है. वह अलीराजपुर जिले से आती हैंऔर वहा “भारत में सबसे कम साक्षरता दर” है.
‘सफलता का मंत्र’
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ‘सफलता के मंत्र’ कार्यक्रम के दौरान सिविल सेवा परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल करने वाली राधिका ने बताया कि अपने पहले प्रयास में उन्हें कम रैंक के कारण भारतीय रेलवे में नौकरी मिल गई थी. हालांकि, उनका सपना हमेशा से IAS अधिकारी बनने का था. राधिका ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर उन्होंने नौकरी के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार साल 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में उन्होंने सफलता हासिल की.
राधिका गुप्ता ने कहा, “मैं जिस जिले से आती हूँ, वहाँ साक्षरता दर सबसे कम है, लेकिन इसने मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह मेरी प्रेरणा का सबसे बड़ा स्रोत बन गया. वहाँ रहने से मुझे जीवन में शिक्षा के महत्व का एहसास हुआ. मैंने जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक सीखे. इस परीक्षा ने मुझे धैर्य और दृढ़ता सिखाई.”
‘रोजाना 9-10 घंटे पढ़ाई की’
इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद राधिका ने दिल्ली में एक कॉर्पोरेट फर्म में काम करना शुरू किया. यहीं पर उनका IAS अधिकारी बनने का सपना साकार हुआ. नौकरी के दौरान ही उन्हें राजेंद्र नगर में कोचिंग सिस्टम के बारे में पता चला. पूरा पाठ्यक्रम समझने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और तैयारी के लिए इंदौर लौट आईं.