जॉन अब्राहम की नई फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ ने रिलीज के तीन दिनों के अंदर बॉक्स ऑफिस पर 10 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि इसे विक्की कौशल की ‘छावा’ से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जो सिनेमाघरों में अपने 31वें दिन भी दर्शकों को आकर्षित करना जारी रखती है.
द डिप्लोमैट बॉक्स ऑफिस कलेक्शन डे 3 : जॉन अब्राहम की नई देशभक्ति फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ विक्की कौशल की छावा फिल्म की 31 दिनों की जीत के बावजूद बॉक्स ऑफिस पर काफी चर्चा पैदा करने में कामयाब रही है.
‘द डिप्लोमैट’ फिल्म ने अपने पहले वीकेंड में 10 करोड़ से ज़्यादा की कमाई की है. इंडस्ट्री ट्रैकर सैकनिल्क के अनुसार, द डिप्लोमैट फिल्म ने अपने रिलीज़ के तीन दिन के अंदर 13.30 करोड़ रुपये कमाए.
द डिप्लोमैट बॉक्स ऑफिस कलेक्शन दिन 3
फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ रिलीज़ होने के तीसरे दिन रविवार के दिन बॉक्स ऑफिस पर अपनी गति बनाए रखी और ₹ 4.65 करोड़ की कमाई की. जॉन अब्राहम की फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ ने पहले दिन ₹ 4 करोड़ की कमाई की थी और दूसरे दिन भी इस फिल्म ने ₹ 4.65 करोड़ की कमाई की.
जब की हालांकि, सिनेमाघरों में अपने 31वें दिन भी, फरवरी में रिलीज हुई फिल्म ‘छावा’ रविवार को 6.81 करोड़ रुपये की कमाई कर द डिप्लोमैट की प्रतिदिन की कमाई को पीछे छोड़ने में कामयाब रही.
राजनयिक: अधिभोग
सैकनिल्क रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को द डिप्लोमैट की कुल हिंदी ऑक्यूपेंसी 19.61 प्रतिशत थी. इस फिल्म के सुबह के शो में मात्र 8.86 प्रतिशत उपस्थिति रही, जबकि दोपहर के शो में 21.73 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई. और शाम के शो में 28.55 प्रतिशत की उच्चतम उपस्थिति रही.
द डिप्लोमैट फिल्म कास्ट
डिप्लोमैट फिल्म में जॉन अब्राहम, सादिया खतीब, कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी और रेवती प्रमुख भूमिकाओं में हैं.
द डिप्लोमैट फिल्म की कहानी
जॉन अब्राहम की डिप्लोमैट फिल्म शिवम नायर द्वारा निर्देशित यह एक्शन थ्रिलर भारतीय नागरिक उज्मा अहमद की वास्तविक जीवन की कहानी है, जिसे 2017 में एक पाकिस्तानी व्यक्ति द्वारा कथित रूप से हनीट्रैप में फंसाने के बाद भारत वापस लाया गया था. और उसने खुलासा किया कि उसे बंदूक की नोक पर शादी करने के लिए मजबूर किया गया था और पाकिस्तान में उससे मिलने के बाद उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया था. जॉन अब्राहम, जो अहमद को बचाता है, फिल्म में राजनयिक की भूमिका निभाता है.
हिंदुस्तान टाइम्स की समीक्षा के मुताबिक, द डिप्लोमैट को नायक की “दर्दनाक पिछली कहानी” द्वारा “अनावश्यक रूप से” घसीटा गया था.
समीक्षा में लिखा गया है, “फिल्म निर्माताओं को अपने नायक को एक दर्दनाक बैकस्टोरी देने का जुनून क्यों है? जॉन के किरदार को लगातार उसके अतीत में हुई किसी भयानक घटना की याद दिलाई जाती है, लेकिन इससे कोई मदद नहीं मिलती. इससे कहानी में परतें जुड़ जाती हैं, जो इसके बिना भी पूरी तरह ठीक थी. एक और बोझ जॉन के किरदार को एक परिवार देना है.जो इस फिल्म को अनावश्यक रूप से खींचता है.”