तीसरी तिमाही की आय समीक्षा :जनवरी में निफ्टी 50 कंपनियों में से 72% की ईपीएस में कटौती; बीमा, धातु शेयरों पर सबसे ज्यादा असर

Hetal Chudasma

शेयर बाजार में  ईपीएस में कटौती की संख्या अपग्रेड से कहीं ज़्यादा है, निफ्टी 50 की 36 कंपनियों में गिरावट देखी गई.  सबसे ज़्यादा प्रभावित सेक्टरों में कंज्यूमर, बैंक, आईटी सर्विसेज, मेटल और माइनिंग और ऑटो शामिल हैं.

निफ़्टी 50 कंपनियों के लिए  ईपीएस में कटौती , जो चालू वित वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान शुरू हुई थी,और दिसंबर तिमाही में भी जारी रही थी,जिसके पीछे मध्यम संख्या का खास योगदान था,जिसकी वजह से  विश्लेषकों को उम्मीद से कमजोर राजस्व वृद्धि, मार्जिन दबाव और आगामी तिमाहियों के लिए सतर्क प्रबंधन दृष्टिकोण को शामिल करने के लिए अपनी आय गुणकों को और कम करना पड़ा.

सामान्य आय वृद्धि एक बार फिर बीएफएसआई द्वारा संचालित थी,  जिसमें प्रौद्योगिकी, रियल एस्टेट, स्वास्थ्य सेवा और पूंजीगत वस्तुओं से सकारात्मक योगदान मिला. और इसके विरुद्ध तेल और गैस जैसे वैश्विक चक्रीय कारकों के साथ-साथ धातु, सीमेंट, ऑटोमोबाइल और उपभोक्ता क्षेत्रों द्वारा आय में कमी आई.

बाजार एक्सपर्ट की उम्मीद के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही की आय मामूली उम्मीदों के अनुरूप रही.  जब की वर्तमान समय में आय में आगे के संशोधन सबसे कमजोर रहे हैं, जिसमें डाउनग्रेड अपग्रेड से कहीं ज़्यादा रहे हैं.

घरेलू ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक , जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक निफ्टी 50 इंडेक्स  में 8.2% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि FY25E और FY26E EPS अनुमान क्रमशः 5.7% और 4.4% घटाकर  1,045 रूपये और 1,200 रूपये कर दिए गए.

खास बात तो यह है की ,ब्रोकरेज के विश्लेषण से पता चला है कि निफ्टी 50 वर्तमान में समान मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है – वित्त वर्ष 26ई/27ई के लिए 19.6x/17.2x – जैसा कि एक साल पहले वित्त वर्ष 25ई/26ई के लिए 19.7x/17.2x पर था.

ब्रोकरेज के मुताबिक  जनवरी में निफ्टी 50 ईपीएस में FY25E-27E की तुलना में 1.4%-2.8% की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई,जो स्पष्ट रूप से दीखाता है की , कंपनियाँ 3QFY25 की अपेक्षाओं से चूक रही हैं.  यह अक्टूबर 2024 के समान है, जब 2QFY25 के बाद, निफ्टी 50 ने FY25E-27E की तुलना में 0.8%-1.8% की गिरावट देखी.

निफ़्टी 50 की 36 कंपनियों के FY26E अनुमान में कटौती देखी गई

जनवरी 2025 में निफ़्टी 50 की 12 कंपनियों ने अपने FY26E EPS अनुमानों में सुधार देखा, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स और ऑटो जैसे प्रमुख क्षेत्र सबसे ज़्यादा लाभ में रहे. जब की  EPS में कटौती की संख्या उन्नयन से कहीं ज़्यादा थी, जिसमें  निफ्टी 50  की 36 या 72%  कंपनियों ने नीचे की ओर संशोधन देखा.

सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्रों में उपभोक्ता, बैंक, आईटी सेवाएँ और धातु एवं खनन शामिल हैं. जनवरी 2025 में औद्योगिक, फार्मास्यूटिकल्स और आईटी ईपीएस कटौती से अपेक्षाकृत अछूते रहे, जिसमें 1% से भी कम की कटौती हुई.

Nifty 50 EPS cuts 1738920105834

जेएम फाइनेंशियल की रिपोर्ट के अनुसार, जिन क्षेत्रों में ईपीएस अनुमान में 5% से ज्यादा की गिरावट देखी गई, उनमें बीमा और धातु एवं खनन शामिल हैं.

घरेलू ब्रोकरेज ने कहा, “वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में निफ्टी ईपीएस वृद्धि धीमी रही, जो पहली तिमाही वित्त वर्ष 2025 और दूसरी तिमाही वित्त वर्ष 2025 में केवल 5.5% और 4.2% सालाना वृद्धि दर्ज की थी.  इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में 5.8% सालाना वृद्धि  की हमारी उम्मीद के विपरीत. हालांकि अब तक 26 निफ्टी 50 कंपनियों ने जो संख्याएँ बताई हैं, उन्होंने केवल 4.4% सालाना वृद्धि दी है. हमने पहले ही वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही के दौरान ईपीएस वृद्धि को 3.8% (पहले 5% से) तक घटा दिया है.”

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