ट्रम्प के पारस्परिक टैरिफ से भारत के रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को नुकसान होगा, निर्यातक प्रभावित होंगे

Hetal Chudasma

अमेरिका ने भारतीय आयात पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे रत्न और आभूषण क्षेत्र पर काफी असर पड़ेगा, जो अमेरिका को भारत के निर्यात का 12.8% है. प्रमुख निर्यातक गोल्डियम इंटरनेशनल और वैभव ग्लोबल को इस नए शुल्क के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

भारत के विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय आयात पर 26% पारस्परिक टैरिफ लगाने के निर्णय से भारत के रत्न एवं आभूषण क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.

वित्त वर्ष 24 में भारत से अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में रत्न एवं आभूषणों का हिस्सा 12.8% रहा, जो 9.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.

2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने  नए टैरिफ की घोषणा की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह भारत द्वारा अमेरिकी आयात पर लगाए गए 54% टैरिफ की दर का लगभग आधा हिस्सा है. 26% टैरिफ सभी आयातों पर 10% के बेसलाइन टैरिफ से ज्यादा  होगा, और यह टैरिफ 5 अप्रैल से प्रभावी होगा.

वित्त वर्ष 24 में भारत और अमेरिका के बीच कुल वस्तु व्यापार में परिधान, इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और रत्न एवं आभूषणों का हिस्सा 72.7% था, जो 77.52 बिलियन डॉलर के समग्र व्यापार में से 56.34 बिलियन डॉलर का योगदान था.

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के अध्यक्ष किरीट भंसाली ने कहा, ” इस अमेरिकी टैरिफ से रत्न एवं आभूषण के व्यापार में ठहराव आने की संभावना  है, क्योंकि अमेरिकी आयातक इस बात का आकलन करेंगे कि भारतीय आभूषण निर्यातकों को ऑर्डर दिया जाए या नहीं.”

उन्होंने कहा कि अमेरिका में सोने और हीरे के आभूषणों को विलासिता माना जाता है, लेकिन हमारे भारत में इन्हें निवेश के तौर पर देखा जाता है. इसलिए, अगर सोने  कीमतें बढ़ती हैं, तो अमेरिका में मांग में कमी आने की संभावना है.

विशेषज्ञों का मान ना  है कि डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी टैरिफ से हीरा और जड़ित स्वर्ण आभूषण निर्यातक सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.

हीरा निर्माता रियल इल्यूजन एलएलपी के पार्टनर अनूप जावेरी ने कहा कि शुरुआत में, 26% शुल्क को वहन करना अमेरिका में आयातक के लिए एक चुनौती होगी, और इसी वजह से भारत से निर्यात कम होगा. उन्होंने कहा कि निर्यातकों को ढीले हीरे और सोने से जड़े सामान जैसी विशिष्ट वस्तुओं पर शुल्क का आकलन करने की आवश्यकता होगी.

26 मार्च को एमके इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 24 में अमेरिका को भारत के कुल रत्न और आभूषण निर्यात में कटे और पॉलिश किए गए हीरे का योगदान 57% था, जो उन्हें सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनाता है.

इन निर्यातों में जड़े हुए सोने के आभूषणों का हिस्सा 27% था. बाकी हिस्सा चांदी के आभूषणों, प्रयोगशाला में उगाए गए हीरे और सादे सोने के आभूषणों का था, जिनका योगदान तुलनात्मक रूप से कम था.

प्रभावित निर्यातक

ट्रंप के टैरिफ से गोल्डियम इंटरनेशनल, वैभव ग्लोबल और राजेश एक्सपोर्ट्स सहित प्रमुख निर्यातकों पर असर पड़ने की उम्मीद है. हालांकि,अमेरिकी निर्यात पर कम निर्भरता वाली कंपनियों  कल्याण ज्वैलर्स और टाइटन जैसी कंपनी पर इसका कम असर पड़ने की संभावना है.

एक्सिस सिक्योरिटीज में एफएमसीजी और रिटेल के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट प्रियम टोइला ने कहा, “भावनात्मक रूप से, रत्न और आभूषणों पर टैरिफ आभूषण निर्यातकों के लिए नकारात्मक होगा क्योंकि सोने के आभूषणों की मांग प्रभावित होने की संभावना है.” “इसके अलावा, घरेलू दृष्टिकोण से, वैश्विक अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतों में उछाल से घरेलू मांग पर निकट अवधि में दबाव पड़ेगा.”

गोल्डियम इंटरनेशनल के शेयरों में 3 अप्रैल  गुरुवार को बीएसई पर 10% तक की गिरावट दर्ज हुई ,जबकि वैभव ग्लोबल में 4% से अधिक की गिरावट आई. राजेश एक्सपोर्ट्स में भी 3.2% की गिरावट दर्ज हुई, लेकिन बाद में इसमें सुधार हुआ.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को कहा कि फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, तांबा, लकड़ी के सामान, सोना, ऊर्जा और खनिज जैसे क्षेत्रों को पारस्परिक टैरिफ से मुक्त रखा जाएगा. साथ ही, बाद में क्षेत्र-विशिष्ट टैरिफ लगाए जाएंगे.

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